कांग्रेसी नेताओं ने गया के टावर चौक के समीप केंद्रीय गृहमंत्री का पुतला किया दहन

विश्वनाथ आनंद ।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के खिलाफ गलत बयानी करने पर केन्द्रीय गृहमंत्री का पुतला दहन किया गया- कांग्रेस .
गया (बिहार)- केंद्र की मोदी सरकार विगत साढ़े नौ वर्षो से अपनी नाकामियों का ठीकरा नेहरू के माथे फोड़ने की नियति के खिलाफ कॉंग्रेस पार्टी के नेता कार्यकर्ता ने गया के स्थानीय टावर चौक पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया.विदित हो कि की जम्मू कश्मीर आरक्षण ( संशोधन) विधेयक तथा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन ( संशोधन) विधेयक 2023 पर संसद में हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री आधुनिक भारत के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू के दो गलतियों का जिक्र करना सरासर गलत और तथ्य हीन है, जिसकी पुष्टि उस समय के कई नेताओं, विद्वान, की चिट्ठी, किताबों तथा तत्कालीन सेनाध्यक्ष के बयान से किया जा सकता है.

पुतला दहन कार्यक्रम में शामिल बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू,पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, टिंकू गिरी, प्रद्युम्न दुबे, शिव कुमार चौरसिया, श्रवण पासवान, मिथिलेश सिंह, उदय शंकर पालित, मोहम्मद समद, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम आदि ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि मोदी सरकार जब से सत्तासीन हुई है, तब से अपनी नाकामियों का ठीकरा नेहरू जी के माथे फोड़ने में मशगूल है, इसी कड़ी में कल लोकसभा में गृहमंत्री ने 1947 और 1948 में जम्मू कश्मीर में नेहरू की भूमिका पर जानबूझ कर उत्तेजक और गलत बयान देकर देशवासियों को गुमराह करने की कोशिश किए है.नेताओं ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री एवं उनकी पार्टी भाजपा जिसे दूर, दूर तक देश की आजादी की लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं था, आज वहीं लोग उस नेहरू को गलत साबित करने को आतुर हैं,जिन्होंने अँग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई में दस वर्षो से ज्यादा दोनों तक जेल में रहे तथा स्वतंत्रता संग्राम के लिए तन-मन-धन यानी अपना सबकुछ समर्पित कर दिया.नेताओं ने कहा प्रधानमंत्री सहित उनके सरकार के सभी मंत्रियों को पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी आलोचना एवं नजरअंदाज करना आदत बन गई है.अगर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल,सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, डॉ भीमराव अम्बेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, आदि नहीं होते तो शायद हमें आजादी नहीं मिलती.नेताओं ने खास कर केन्द्रीय गृहमंत्री से कहाना चाहते हैं कि आप सच्चाइयों की चर्चा करे जैसे कश्मीरी पंडितों का पलायन विश्वनाथ प्रताप सिंह की उस सरकार के दौरान हुआ जिसको आप यानी भाजपा समर्थन कर रहे थे, उस सरकार में गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद थे, जिसको भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाया , उस वक्त राज्यपाल जगमोहन थे, जिन्हे भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री बनाया. नेताओं ने कहा कि हां यह सत्य है कि जब विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने जब मंडल कमिशन लागू किया तब भाजपा ने समर्थन वापस लिया था, आदि अनेकों उदाहरण है. नेताओं ने कहा कि पिछले तीन साल में 157 जांबाज सैनिक, अधिकारी शहीद हुए, जिस पर भाजपा सरकार पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं, तो दूसरी ओर कश्मीरी पंडितों का टार्गेट कर किलिंग किया जा रहा है, आप कुछ भी नहीं कर रहे हैं.

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