सरकार की नल जल योजना पूरी तरह है फ्लॉप

चंद्रमोहन चौधरी ।
स्वच्छता अभियान के नाम पर लोगों को बनाया जा रहा है संक्रमण का शिकार।

बिक्रमगंज अनुमंडल में नल जल योजना पूरी तरह से है। हर घर में नल का जल केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, लेकिन अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के मिली भगत से यह योजना पूरे बिहार में फेल कर गई है। यहां शुद्ध पानी नहीं मिलने के कारण अनेक प्रकार की बीमारियां का लोग शिकार हो रहे हैं। शिकायत किये जाने पर जांच के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता, किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान ने अपने नाम नहीं छापने की बात को करके बहुत ही उदास मुद्रा में नाराजगी जाहिर की। यहीं नहीं स्वच्छता अभियान के नाम कूड़ा कचरा जो भी है उसे रोड के किनारे फेंका जा रहा है। प्लास्टिक बंद है लेकिन जहां भी कूड़ा कचरा है, उसमें प्लास्टिक की भरमार देखा जा सकता है। रोड से गुजरने पर बदबू आ रही है। कीड़ा मकोड़ा, हानिकारक जीवाणु इससे फैलते हैं। बदबू की वजह से लोगों को सांस रोक करके रोड से गुजरना पड़ता है। लोग संक्रमण का शिकार होने लगे हैं ।

किसी भी अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का इस पर ध्यान नहीं जाता। न जाने बिहार सरकार क्यों कान में तेल डालकर के सोई हुई है। आखिर कहीं ना कहीं तो कोई जरूर फाल्ट है या जानबूझकर के लोगों को परेशान किया जा रहा है। मच्छर का प्रकोप बहुत तेजी से फैल रहा है। कीटाणु जीवाणु भी बहुत तेजी से फैल रहे हैं। एक से एक रोग से लोग परेशान है। योजना के नाम पर लूट घोषित कागजी काम धड़ल्ले से जारी है। इसकी जांच की मांग बढ़ती जा रही है। जनप्रतिनिधियों से जब इसके बारे में पूछा जाता है तो केवल टाल मोटल ही उत्तर देते है। यहां तक की अधिकारियों से भी पूछने पर केवल गोल मटोल करके जवाब दे कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। कोई सही जवाब देने वाला नहीं है। आखिर कब तक बिहार को लूट जाएगा। कब तक बिहार को बर्बाद किया जाएगा। यह समझ में नहीं आता केवल राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए ही राजनेता हैं, जबकि राजनेता धर्म को साक्षी मानकर के संविधान की शपथ खाकर के सरकार बनाते हैं। लेकिन केवल कुर्सी को लेकर के अगर सरकार बनाई जाए केवल सत्ता पाने के लिए सरकार बनाई जाए तो फिर आम जनता का कल्याण किस ढंग से होगा।

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