विश्व मृदा दिवस पर किया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
चंद्रमोहन चौधरी,
बिक्रमगंज-कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज में विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्र की वरीय वैज्ञानिक और प्रधान डॉ शोभा रानी ने उपस्थित किसानों एव महिलाओं को संबोधित करते हुए बताया की मिट्टी से अच्छे उत्पादन एवं गुणवत्तापूर्ण फसल के लिए एक अभिन्न अंग है पर आज वर्तमान में यह अत्यंत आवश्यक है की हम मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने हेतु अपने खेतों की मिट्टी जांच अवश्य कराएं एवं उसके बाद संतुलित खाद का व्यवहार करें। कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज में मिट्टी जांच की सुविधा उपलब्ध है। जांच की उपरांत केंद्र द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाता है। जिसके अनुसार किसान यह जान पाते हैं कि उनकी मिट्टी में किन-किन पोषक तत्वों की कमी है। जिसके आधार पर संतुलित खाद का व्यवहार कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसान प्राकृतिक खेती एवं जैविक विधि से खेती करके मिट्टी की संरचना में सुधार ला सकते हैं। मिट्टी के लिए आवश्यक लाभदायक जीवाणु की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। जिससे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त हो पाएगा। इस कार्यक्रम में उपस्थित वैज्ञानिक आर के जलज ने बताया कि किसान धान काट लेने के बाद पराली नहीं जलाएं। पराली जलाने से मिट्टी में उपस्थित कार्बनिक पदार्थ में कमी आती है और मिट्टी को हानि होती है। पराली प्रबंधन के तरीकों, फसल अवशेष प्रबंधन के तरीकों को विस्तार से बताया। मृदा वैज्ञानिक डॉ रमाकांत सिंह ने मिट्टी जांच के तरीके महत्व एवं प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों को प्रयोग करने का तरीका विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने इसमें बीजा अमृत, जीवाअमृत, घनजीवाअमृत, दसपड़नी अर्क कैसे बनाएं इसका किसानों को प्रशिक्षण दिया। उद्यान वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार ने किसानों को मिट्टी के पोषक तत्व के बारे में बताया तथा फल फूल एवं सब्जियों में किस प्रकार से मिट्टी का नमूना ली जाए। मिट्टी की जांच नहीं कराने पर क्या कुप्रभाव पड़ेगा। इस संबंध में बताया। कार्यक्रम में किसान धनंजय सिंह, कौशल कुमार, गुलाब लाल सिंह, प्रियदर्शनी सिंह, अर्जुन सिंह, सत्येंद्र सिंह, अमरेश कुमार, सुरेश सिंह, कुंती देवी, मालती देवी सहित लगभग 100 किसानों ने भाग लिया। इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के प्रवीण कुमार पटेल, हरेंद्र प्रसाद शर्मा, अभिषेक कौशल एवं राकेश कुमार भी उपस्थित थे।