सदन में महिलाओं के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए टिप्पणी व्यक्त करना, मुख्यमंत्री के लिए शर्म की बात है- आदित्य श्रीवास्तव

विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद( बिहार )- जनसंख्या नियंत्रण के ऊपर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा सदन में कही गई महिलाओं के प्रति अमर्यादित भाषा मुख्यमंत्री के लिए शर्म की बात है. इस संबंध में भाजपा जिला मीडिया प्रभारी आदित्य श्रीवास्तव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही. उन्होंने नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि राजनीति में नीतीश कुमार जैसा अश्लील नेता नहीं देखा होगा,लगता है संगत का रंगत चढ़ गया है इनके ऊपर, अपनी इस गंदी मानसिकता वाले भाषा से उन्होंने मां सीता की जन्म भूमि बिहार की धरती को कलंकित किया है. उन्होंने आगे कहा कि जिस देश में हम सभी नारियों को देवी के स्वरूप पूजा करते हैं .उसे नारियों के प्रति इस तरह से भाषा का इस्तेमाल कर पूरे देश को शर्मसार कर दिया है.लोकतंत्र को पूरी तरह से शर्मसार कर दिया है. नीतीश कुमार ने. उन्होंने आगे कहा कि सीधे तौर पर कहे तो जब किसी राज्य के राजा की ही मति भ्रष्ट हो जाय, तो कुछ भी नही किया जा सकता.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं पर दिए गए अमर्यादित बयान से लोकतंत्र शर्मसार हो गया है. मुख्यमंत्री के बयान से महिलाएं के भावनाओं को काफी आहत हुआ है।

बचपन में हम सब किताबों में पढ़ते थे ,अंधेर नगरी चौपट राजा .लेकिन अब यह लोकतंत्र के मंदिर में दिखनें भी लगा है.जहां का राजा अभद्र बातों को बेलिहाज रखकर सदन की मर्यादा को तार- तार कर रहा है. मुख्यमंत्री द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिया गया बयान सभ्य समाज में किसी भी दृष्टिकोण से सही नही ठहराया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से महिलाओं पर उनके द्वारा सदन में बयान दिए गए हैं ,उससे तो यही प्रतीत होता है कि अब मुख्यमंत्री की दिमागी हालत ठीक नहीं.महिलाओं से संदर्भित बयान उनकी घटिया मानसिकता एवं सोच को दर्शा रही है, लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा में इस तरह के बयान बाजी समझ से परे क्योंकि उसी विधानसभा सत्र के दौरान कई महिला विधायिका भी वहां मौजूद होती हैं.फिर भी हैरानी होती है कि सबसे उच्च पद पर बैठे मुख्यमंत्री के द्वारा महिलाओं पर इस तरह के बयान भी दिया जाया सकता बस वही बात है नीतीश कुमार के साथ विनाश काले विपरीत बुद्धि .नीतीश कुमार अपने सत्ता और कुर्सी के सुख में अपनी नैतिकता को गिरवी रख दिया है. यह अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए स्वाभिमान तक को भी अब बेच दिए हैं, तो जनता क्या उम्मीद लगा सकती है मुख्यमंत्री को थोड़ा भी लज्जा इनके अंदर है तो अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें नीतीश कुमार.

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