जातीय जनगणना की विसंगतियों के खिलाफ ब्राह्मण महासभा का एक दिवसीय धरना
दिवाकर तिवारी ।
रोहतास। बिहार सरकार द्वारा जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक किए जाने के बाद से बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ-साथ अब आम लोग व जातीय संगठन भी पक्ष विपक्ष में अपनी खुलकर राय दे रहे हैं। कोई इसे सही ठहरा रहा है तो कोई इसे पूरी तरह नकार रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को जिला समाहरणालय के समक्ष अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की रोहतास जिला इकाई द्वारा भी जातीय जनगणना की विसंगतियों के खिलाफ एकदिवसीय धरना दिया गया। जिला समाहरणालय के समक्ष धरने को संबोधित करते हुए ब्राह्मण महासभा के सदस्यों ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना पूरी तरह से गलत तैयार की गई है। सामाजिक-आर्थिक सर्वे के जारी जातिगत आंकड़े में कई तरह की विसंगतियां है। जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। हजारों-लाखों परिवार ऐसे हैं, जिनके यहां कोई भी व्यक्ति सर्वे करने गया ही नहीं। ऐसे में आशंका है कि विवरण में आधी अधूरी जानकारी डाल दी गई है। महासभा ने आरोप लगाया कि सरकार ने सिर्फ राजनितिक लाभ लेने के लिए कई जातियों के आंकड़ों को कम कर के दिखाने का काम किया है। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है तथा इसका खामियाजा कमजोर वर्ग को उठाना पड़ेगा। धरने के माध्यम से महासभा ने राज्यपाल से पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए पंचायत स्तर पर आंकड़ों को दोबारा जांच कराने की मांग की है। ताकि बिहार सरकार द्वारा जारी जातीय जनगणना की विसंगतियों को जल्द दूर कर गरीब असहाय सहित अन्य सभी दलित पिछड़ा वर्ग के लोगों को इसका लाभ व अधिकार दिलाया जा सके। जातीय जनगणना में त्रुटि के वावजूद भी सरकार द्वारा इसे जल्दबाजी में प्रकाशित कर दिया गया। जो बिल्कुल गलत है तथा ब्राह्मण महासभा इसका पुरजोर विरोध करता है। धरना के दौरान जिला अध्यक्ष डॉ दिनेश शर्मा, रंगनाथ तिवारी, मुक्ति नारायण मिश्रा, वरीय अधिवक्ता राम जी मिश्रा, जिला युवा अध्यक्ष उमेश पांडे, शशि पांडे सहित कभी संख्या में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के सदस्य उपस्थित रहे।