28 सितंबर से प्रारंभ होते हुए 14 अक्टूबर तक पितृपक्ष मेला प्रस्तावित है-डीएम

मनोज कुमार ।

गया, ज़िला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में इस वर्ष आयोजित होने वाले पितृपक्ष मेला महासंगम 2023 के अवसर किये गए तैयारी के अंतिम रूप देने के संबंध में सभी संबंधित पदाधिकारियों, विष्णुपद के पुरोहितों के साथ बैठक की गई। जिला पदाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 28 सितंबर से प्रारंभ होते हुए 14 अक्टूबर तक पितृपक्ष मेला प्रस्तावित है। इसे लेकर मई जून माह से ही तैयारियों का कार्य प्रारंभ कर दी गयी थी। फलतः समय रहते हुए सभी कार्य को लगभग पूर्ण कर ली गयी है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह पितृपक्ष मेला में आप सभी तमाम पदाधिकारियों पुरोहितों एवं मेला क्षेत्र के वार्ड पार्षदों के साथ-साथ तमाम स्टेकहोल्डर स्वयंसेवी संस्था से अपेक्षा है कि काफी बढ़-चढ़कर सहयोग करे, जिससे इस पितृपक्ष मेला भी पूरे विश्व में एक अलग छवि हासिल कर सके। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में और बेहतर आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 08 सरोवर एवं 54 पिंड वेदियां हैं जहां तर्पण कार्यक्रम होता है। पिछले वर्ष घाट का विस्तार होने के बाद और अधिक संख्या में तीर्थ यात्री तर्पण करने पहुंचे थे घाट पर अत्यधिक भीड़ देखी गई है।
इस वर्ष तैयारियों के संबंध में उन्होंने कहा कि पूर्व से ही भौतिक जांच संबंधित समितियों के वरीय पदाधिकारियों द्वारा करवाया गया है साथ ही विभिन्न कोषांग के वरीय पदाधिकारी द्वारा अपने कोषांग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के साथ नियमित समीक्षा एवं भर्मण भी करवा कर मेला की तैयारी का अंतिम रूप दिया गया।
पंडा समाज के पुरोहित में कहा कि पिछले कई दशकों से पितृपक्ष मेला देखते आ रहे हैं परंतु इस वर्ष जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में सभी व्यवस्थाओं को एक अलग रूप देने का कार्य किया गया है जून जुलाई माह से ही काफी सक्रियता के साथ लगातार निरीक्षण कर सभी व्यवस्था को दुरुस्त करवाने का कार्य किए हैं हर छोटी से छोटी चीज पर पूरी नजर रखते हुए एक अच्छा वातावरण में पितृपक्ष मेला के रूप को ढाला है।
उन्होंने कहा कि आवास समिति की पूर्ण जिम्मेदारी है कि यात्रियों को इस वर्ष और अच्छा आवासन व्यवस्था उपलब्ध करवाया जा रहा है।
सभी आवासन स्थल एवं पुलिस स्थल पर पर्याप्त संख्या में टॉयलेट एवं पेयजल की व्यवस्था भी रखी जा रही है।
इस वर्ष तीर्थ यात्रियों की और बेहतर सुविधा को देखते हुए गांधी मैदान में बनने वाले टेंट सिटी में आवासन क्षमता को बढ़ाकर 2500 कर दिया गया है। साथ ही वहां 500 से ऊपर टॉयलेट एवं स्नानागार भी बनवाया जा रहा है। इसके अलावा जीविका द्वारा शुद्ध भोजन की भी व्यवस्था हेतु काउंटर लगाया जा रहा है। यात्रियों के सामान की सुरक्षा हेतु लाकर के भी व्यवस्था रखी जा रही है पर्याप्त संख्या में मोबाइल चार्जर पाइंट की भी व्यवस्था रखी जा रही है। यात्रियों के हर छोटी से छोटी समस्या को ध्यान में रखकर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करवाई जा रही है ताकि जो भी तीर्थयात्री यहां आए एक अच्छी सकारात्मक वातावरण के साथ पिंडदान करके अपनी घर वापस जाए।
नगर निगम के माध्यम से मेला क्षेत्र में साफ सफाई की पूरी व्यवस्था रखी गई है इसके अलावा पूर्व से स्थल निरीक्षण करके सभी टूटे हुए नाली का स्लैब, नाली का ग्रिल इत्यादि का सर्वे कराकर उसे बनवा गया। मेला क्षेत्र के प्रमुख सड़के काफी चुनौती था बनवाना, लेकिन उसे भी लगातार समन्वयन एवं अनुश्रवण करके सड़के नए सिरे से बनवाने का कार्य किया गया।
डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि पितृपक्ष मेला में प्रयोग में आने वाले उपकरण, दवा की उपलब्धता, चिकित्सकों की उपस्थिति इत्यादि का नियमित जांच करेंगे। मेला अवधि में ड्रग इंस्पेक्टर लगातार दावों को जांच करेंगे इसके अलावा सभी फूड इंस्पेक्टर को निर्देश दिया कि कहीं भी फूड प्वाइजनिंग की शिकायत नहीं मिले, इसके लिए टीम बनाकर अलग-अलग क्षेत्र में नियमित खाना एवं दुकानों प्रतिष्ठानों की अच्छी तरीके से जांच करें।
विद्युत एवं प्रकाश व्यवस्था के समीक्षा के दौरान उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में इस वर्ष अतिरिक्त 07 ट्रांसफार्मर लगवाए गए है। इसके अलावा निर्बाध बिजली आपूर्ति रखने की पूरी व्यवस्था की जा रही है। नगर निगम के समन्वय से मेला क्षेत्र एवं शहर के प्रमुख सड़कों चौराहों पर कोई डार्क स्पॉट ना रहे, इसे लेकर विस्तार से निरीक्षण करवाया गया है, इसमें जहां भी कम रोशनी आकि गयी है वहां पर हाई मास्ट लाइट तथा अन्य बिजली के खंबो पर रोशनी की व्यवस्था मुकम्मल करवाई गई है।

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