नई पेंशन योजना के विरुद्ध में पूरे बिहार में एनएमओपीएस के कर्मियों ने मनाया काला दिवस

विश्वनाथ आनंद ।
पटना(01.09.2023):- एनएमओपीएस (पुरानी पेंशन प्रतिबद्ध संगठन) की बिहार इकाई द्वारा बिहार में एनपीएस लागू होने के दिन 1 सितंबर को काला दिवस के रूप में मनाया गया और आज के दिन बिहार सरकार के सभी पदाधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपने कार्यस्थल पर काला बिल्ला लगाकर शांति पूर्वक अपने कार्यों का निष्पादन करते हुए सरकार के समक्ष एनपीएस का विरोध दर्ज किया गया l
इस अवसर पर बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडेय द्वारा बताया गया कि हम लोग लगातार सरकार के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैं, सरकार के तरफ से अब तक कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला है; ऐसी स्थिति में पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी 1 सितंबर को काला दिवस के रूप में मनाया गया है और आज के दिन बिहार सरकार के सभी पदाधिकारी/ कर्मचारी द्वारा काला बिल्ला लगाकर अपने कार्यों का निष्पादन किया गया l श्री पांडेय द्वारा इस कार्यक्रम को लिखित और नैतिक समर्थन देने वाले सभी सेवा संघ/ संगठन के प्रति आभार व्यक्त किया गया l
प्रदेश महासचिव शशि भूषण द्वारा बताया गया कि हम लोग बिहार सरकार के प्रति आशान्वित हैं,बिहार में गठबंधन की सरकार हैं और गठबंधन के घटक दलों द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन लागू करने का वादा किया गया था, इसलिए हम लोग लगातार सरकार के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैंl आज बिहार सरकार में कार्यरत लगभग 50 से अधिक सेवा संघ/संगठनों का हमें लिखित और नैतिक समर्थन मिला है और लगभग सभी संवर्ग के सदस्यों द्वारा काला बिल्ला लगाकर अपने कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है l
प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव तिवारी द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार के पदाधिकारी/कर्मचारी द्वारा 1 सितंबर को काला दिवस के रूप में पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है और पूरे बिहार एवं सुदूर क्षेत्र के कार्यालय से काला बिल्ला लगाकर अपने कार्यों का निष्पादन करते हुए पदाधिकारी/कर्मचारियों की तस्वीर लगातार हमें प्राप्त हो रही है, जो हमारे लिए और सभी एनपीएस कर्मियों के लिए काफी उत्साहवर्धक है l इस एकजुटता को देखकर हमें यकीन ही नहीं पूरा विश्वास हो गया है कि शीघ्र ही सरकार हमारी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने को मजबूर होगी l
प्रदेश प्रवक्ता संतोष कुमार द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार के सभी सरकारी सेवकों के इस विरोध को देखते हुए बिहार सरकार को भी इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करते हुए अपने सरकारी सेवकों के हित में निर्णय लिया जाना चाहिएl

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