राम लखन सिंह यादव कॉलेज में शिक्षा संवाद एवं समाधान संगोष्ठी का आयोजन…

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विश्वनाथ आनंद

गया (बिहार )- गया मगध प्रक्षेत्र के जहानाबाद जिला स्थित राम लखन सिंह यादव कॉलेज, नौरू जहानाबाद में गुरुवार को शिक्षा संवाद एवं समाधान संगोष्ठी का आयोजन बड़े उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के वर्तमान और सेवानिवृत्त शिक्षकगण, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, अधिकारी और अन्य आमंत्रित गणमान्य अतिथि शामिल हुए।

कार्यक्रम का प्रारंभ महाविद्यालय के संस्थापक सचिव स्वर्गीय प्रोफेसर (डॉ.) चंद्रिका प्रसाद यादव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। उपस्थित सभी लोगों ने उनके योगदान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती। वे एक सच्चे शिक्षाविद् ही नहीं, बल्कि संस्था निर्माणकर्ता और प्रेरणास्रोत थे, जिनकी दूरदृष्टि आज भी महाविद्यालय की दिशा तय करती है।

 

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संजय कुमार यादव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के आयोजन सिर्फ संवाद के मंच नहीं होते, ये हमारी साझा जिम्मेदारियों की याद भी दिलाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कॉलेज की बेहतरी के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण विषयों पर तत्काल कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से लंबित अनुदान राशि को शीघ्र लाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी और 2016-17 से रुकी हुई अनुदान राशि के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कोर्ट के आदेशों के आलोक में सभी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करते हुए कॉलेज को स्थायी संबद्धता दिलाने हेतु समस्त दस्तावेजी प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा।

 

उन्होंने सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों के प्रमाण पत्र एवं पेंशन की व्यवस्था को भी प्राथमिकता देने की बात कही और आश्वासन दिया कि जब तक सरकार की ओर से पेंशन स्वीकृत नहीं होती, कॉलेज अपने स्तर से कुछ राहत देने का प्रयास करेगा। इसके साथ ही, कॉलेज में पढ़ाई का वातावरण बनाए रखने के लिए यह योजना बनाई जा रही है कि सभी स्टाफ सदस्य सप्ताह में कम से कम एक दिन कॉलेज आएं और पढ़ाई प्रारंभ कराएं, इसके लिए उन्हें आंतरिक स्रोत से यात्रा भत्ता भी दिया जाएगा।

 

कार्यक्रम में कॉलेज के सचिव श्री चंद्र प्रकाश की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने महाविद्यालय के हित को सर्वोपरि रखते हुये सभी को मिलकर काम करने की बात की। उन्होंने कहा संवाद से समाधान की दिशा में यह पहल न केवल कॉलेज के प्रशासनिक और शैक्षणिक सुधार की ओर एक कदम है, बल्कि यह हम सबको एक सूत्र में बांधकर महाविद्यालय को आगे ले कर जाने के लिये जरूरी है। कार्यक्रम में विशिष्ट रूप से उपस्थित रहे प्रो. संजीव कुमार, प्रो. विनय शंकर पाठक, डॉ. अवधेश प्रसाद, प्रो. रमण कुमार, प्रो. राम बली प्रसाद, प्रो. जाकिर हुसैन, प्रो. रमेश चंद्र, प्रो. गणेन्द्र गुप्ता, प्रो. नरेश प्रसाद रॉय, प्रो. रविन्द्र प्रसाद सिंह, प्रो. कृपाशंकर यादव, डॉ. अंशुल प्रसाद, प्रो. एम.डी. अंज़ार, प्रो. भानु प्रसाद, प्रो. राजकुमार, राम भवन सिंह, नगीना प्रसाद, रामनन्दन सिंह, योगेन्द्र प्रसाद आदि गणमान्य शिक्षाविदों की उपस्थिति ने संगोष्ठी को एक समावेशी और विचारपूर्ण मंच बना दिया। मंच संचालन प्रो० शिवराम प्रसाद ने कुशलतापूर्वक निभाया और सभी वक्ताओं के विचारों को संयोजित करते हुए संगोष्ठी को सार्थक दिशा प्रदान की। धन्यवाद ज्ञापन पूर्व छात्र ललित शंकर ने किया

बिक्रमगंज में विशाल जनसभा को पीएम मोदी ने किया संबोधित, रिपोर्ट – चंद्रमोहन चौधरी, बिक्रमगंज। ऑपरेशन सिंदूर के सफलता के बाद बिक्रमगंज पहुचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तरकश का बस एक तीर है। इस दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर खूब निशाना साधा। पीएम मोदी ने इस दौरान कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया और उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी भाषा में जनता को प्रणाम करने से की। उन्होंने कहा कि बिहार के मेहनती जनता के हमार प्रणाम। पीएम मोदी ने कहा कि आज मुझे इस पवित्र भूमि पर बिहार के विकास को नई गति देने का सौभाग्य मिला है। यहां करीब करीब 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। बड़ी संख्या में आप सब हमें आशीर्वाद देने आए हैं। आपका ये स्नेह, बिहार का ये प्यार, मैं हमेशा सर आंखों पर रखता हूं। आज बिहार में इतनी बड़ी तादाद में माताओं और बहनों का आना यह अपने आप में बिहार के मेरे इतनी कार्यक्रमों की ये सबसे बड़ी शानदार घटना है। मैं माताओं-बहनों को विशेष प्रणाम करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि सासाराम की इस धरती के नाम में भी राम है। सासाराम के लोग जानते हैं भगवान राम और उनके कुल की रीति क्या थी। प्राण जाए पर वचन ना जाई। यानि जो वचन एक बार दे दिया, वो पूरा होकर के ही रहता है। प्रभु श्रीराम की ये रीति अब नए भारत की नीति बन गई है। अभी पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। हमारे कितने निर्दोष नागरिक मारे गए। इस जघन्य आतंकी हमले के एक दिन के बाद मैं बिहार आया था। मैंने बिहार की धरती से देश को वादा किया था, वचन दिया था बिहार की धरती पर आंख में आंख मिलाकर हमने कह दिया था कि आतंक के आकाओं के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। पीएम मोदी ने आगे कहा कि जिन लोगों ने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया है। भारत की बेटियों के सिंदूर की शक्ति क्या होती है ये पाकिस्तान ने भी देखा और दुनिया ने भी देखा। पाकिस्तानी सेना की छत्रछाया में आतंकी खुद को सुरक्षित मानते थे। हमारी सेनाओं ने एक ही झटके में उनको भी घुटनों पर ला दिया। पाकिस्तान के एयरबेस, उनके सैन्य ठिकानें, हमने कुछ ही मिनट में तबाह कर दिए। ये नया भारत है, ये नए भारत की ताकत है। ये हमारा बिहार वीर कुंवर सिंह की धरती है। यहां के हजारों नौजवान देश की सुरक्षा के लिए सेना में, बीएसएफ में अपनी जवानी खपा देते हैं। ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने हमारी बीएसएफ का भी अभूतपूर्व पराक्रम और अदम्य साहस देखा है। उन्होने कहा कि हमारी सीमाओं पर तैनात बीएसएफ के जांबाज सुरक्षा की अभेद चट्टान हैं। मां भारती की रक्षा हमारे बीएसएफ के जवानों के लिए सर्वोपरि है। यही मातृभूमि की सेवा का पवित्र कर्तव्य निभाते हुए 10 मई को सीमा पर बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर इम्तियाज शहीद हो गए थे। मैं बिहार के इस वीर बेटे को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। बिहार की धरती से फिर दोहराना चाहता हूं, ऑपरेशन सिंदूर में भारत की जो ताकत दुश्मन ने देखी है, लेकिन दुश्मन समझ लें ये तो हमारे तरकश का केवल एक ही तीर है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न रूकी है, ना थमी है। आतंक का फन अगर फिर उठेगा तो भारत उसे बिल से खींचकर कुचलने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई देश के हर दुश्मन से है। फिर वह चाहे सीमा पार हो या देश के भीतर हो। बीते वर्षों में हमने हिंसा और अशांति फैलाने वालों का ऐसे खात्मा किया कि बिहार के लोग इसके साक्षी हैं। कुछ साल पहले तक सासाराम, कैमूर और आसपास के इन जिलों में क्या हालात थे। नक्सलवाद कैसे हावी था। मुंह पर नकाब लगाए हाथों में बंदूक थामें नक्सली कब कहां सड़कों पर निकल आएं, हर किसी को ये खौफ रहता था। सरकारी योजना आती थी, तो नागरिकों तक पहुंचती ही नहीं थी। नक्सल प्रभावित गांव में न तो अस्पताल होता था, ना मोबाइल टावर। कभी स्कूल जलाए जाते थे, कभी सड़क बनाने वालों को मार दिया जाता था। उन्होने कहा कि इन लोगों का बाबा साहब आंबेडकर के संविधान पर कोई विश्वास नहीं था। नीतीश कुमार ने उन परिस्थितियों में यहां विकास की पूरी कोशिश की। 2014 के बाद से हमने इस दिशा में और तेजी से काम किया। हमने माओवादियों को उनके किए की सजा देनी शुरू की। हम युवाओं को विकास की मुख्यधारा में भी लेकर आए। 11 सालों की प्रतिज्ञा का फल आज देश को मिलना शुरू हुआ है। 2014 से पहले देश में सवा सौ से ज्यादा जिले नक्सल प्रभावित थे। अब सिर्फ 18 जिले नक्सल प्रभावित बचे हैं। अब सरकार सड़क भी दे रही है, रोजगार भी दे रही है। वो दिन दूर नहीं जब माओवादी हिंसा का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा। उन्होने कहा कि शांति, सुरक्षा, शिक्षा और विकास गांव-गांव तक बिना रुकावट के पहुंचेंगे। जब सुरक्षा व शांति आती है तभी विकास के नए रास्ते खुलते हैं। यहां नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब जंगलराज वाली सरकार की विदाई हुई तो बिहार भी प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने लगा। टूटे हाईवे, खराब रेलवे, गिनी चुनी फ्लाइट कनेक्टिविटी, वो डर और वो दौर अब इतिहास बन चुका है। कभी बिहार में एक ही एयरपोर्ट था पटना में। आज दरभंगा एयरपोर्ट भी बनकर तैयार हो गया है। बिहार के लोगों की लंबे समय से मांग थी कि पटना एयरपोर्ट के टर्मिनल को आधुनिक बनाया जाए। अब ये मांग भी पूरी हो गई है। उन्होने कहा कि पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल 1 करोड़ यात्रियों को संभाल सकता है। हर तरफ तेजी से काम हो रहा है। हजारों करोड़ की परियोजनाएँ बिहार में नए अवसर और संभावनाओं का निर्माण कर रही हैं। इन प्रोजेक्ट से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। यहां टूरिज्म और व्यापार दोनों को फायदा होगा। बिहार में रेलवे की हालत भी अब तेजी से बदल रही है। आज बिहार में वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। रेलवे लाइनों को डबल और ट्रिपल किया जा रहा है। सासाराम में भी अब 100 से ज्यादा ट्रेनें रुकती हैं। हम पुरानी समस्याओं को भी दूर कर रहे हैं और रेलवे का आधुनिकरण भी कर रहे हैं। उन्होने कहा कि ये काम पहले भी हो सकते थे। लेकिन जिनके ऊपर बिहार को आधुनिक ट्रेनें देने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने रेलवे में भर्ती के नाम पर आपकी जमीन लूटने का काम किया। गरीबों की जमीन लिखवा ली। सामाजिक न्याय की उनकी यही तरीके थे। गरीब को लूटना, उनके अधिकारों को लूटना, उनकी मजबूरी का फायदा उठाना और खुद राजाशाही की मौज करना। जंगलराज वालों से आगे भी सावधान रहना जरूरी है। बीते वर्षों में बिहार में बिजली उत्पादन पर बहुत जोर दिया गया। आज बिहार में बिजली की खपत 10 साल पहले से 4 गुणा हो गई है। नविनगर में एनटीपीसी का बड़ा पावर प्रोजेक्ट बन रहा है। इस पर 30 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे बिहार को 1500 मेगावॉट बिजली मिलेगी। उन्होने कहा कि अब हमारा ध्यान भविष्य की ओर है। हमे बिहार को ग्रीन एनर्जी की ओर लेकर जाना है। इसलिए कजरा में सोलर पार्क का निर्माण भी हो रहा है। हमारे इन प्रयासों का असर है कि यहां के लोगों का जीवन बेहतर हो रहा है। यहां 75 लाख से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सहायता मिल रही है। हमारी सरकार ने मखाना बोर्ड की घोषणा की है। हमने बिहार के मखाना को जीआई टैग दिया। इससे मखाना किसानों को बहुत लाभ दिया है। जिन लोगों को बिहार को सबसे ज्यादा ठगा, जिनके दौर में बिहार के गरीब और वंचित तबके को बिहार छोड़कर जाना पड़ा, आज वहीं लोग सत्ता पाने के लिए सामाजिक न्याय का झूठ बोल रहे हैं। दशकों तक बिहार के दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को शौचालय तक नहीं था। दशकों तक हमारे इन भाई बहनों के पास बैंक में खाता तक नहीं था। उनके लिए बैंकों में एंट्री बंद थी। उन्होने कहा कि बिहार के लोगों की ये दुर्दशा ये पीड़ा, ये तकलीफ कांग्रेस और आरजेडी का क्या यहीं सामाजिक न्याय था। कांग्रेस और आरजेडी वालों ने कभी दलित, पिछड़ा की इतनी तकलीफों की चिंता तक नहीं की। ये लोग विदेशियों को बिहार की गरीबी दिखाने के लिए घुमाने लाते हैं। कांग्रेस को उसके पापों की वजह से जब गरीब पिछड़ा समाज ने छोड़ दिया है तो उन्हें अपना बताने के लिए उन्हें सामाजिक न्याय की बातें याद आ रही हैं। जब जब बिहार ने प्रगति की है, भारत दनिया के शिखर पर पहुंचा है। सभा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, रालोजपा नेता चिराग पासवान, रालोमो के नेता उपेंद्र कुशवाहा सहित कई केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और विधान पार्षदों ने संबोधित किया।

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है, ये नए भारत की ताकत है। ये हमारा बिहार वीर कुंवर सिंह की धरती है। यहां के हजारों नौजवान देश की सुरक्षा के लिए सेना में, बीएसएफ में अपनी जवानी खपा देते हैं। ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने हमारी बीएसएफ का भी अभूतपूर्व पराक्रम और अदम्य साहस देखा है। उन्होने कहा कि हमारी सीमाओं पर तैनात बीएसएफ के जांबाज सुरक्षा की अभेद चट्टान हैं। मां भारती की रक्षा हमारे बीएसएफ के जवानों के लिए सर्वोपरि है। यही मातृभूमि की सेवा का पवित्र कर्तव्य निभाते हुए 10 मई को सीमा पर बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर इम्तियाज शहीद हो गए थे। मैं बिहार के इस वीर बेटे को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। बिहार की धरती से फिर दोहराना चाहता हूं, ऑपरेशन सिंदूर में भारत की जो ताकत दुश्मन ने देखी है, लेकिन दुश्मन समझ लें ये तो हमारे तरकश का केवल एक ही तीर है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न रूकी है, ना थमी है। आतंक का फन अगर फिर उठेगा तो भारत उसे बिल से खींचकर कुचलने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई देश के हर दुश्मन से है। फिर वह चाहे सीमा पार हो या देश के भीतर हो। बीते वर्षों में हमने हिंसा और अशांति फैलाने वालों का ऐसे खात्मा किया कि बिहार के लोग इसके साक्षी हैं। कुछ साल पहले तक सासाराम, कैमूर और आसपास के इन जिलों में क्या हालात थे। नक्सलवाद कैसे हावी था। मुंह पर नकाब लगाए हाथों में बंदूक थामें नक्सली कब कहां सड़कों पर निकल आएं, हर किसी को ये खौफ रहता था। सरकारी योजना आती थी, तो नागरिकों तक पहुंचती ही नहीं थी। नक्सल प्रभावित गांव में न तो अस्पताल होता था, ना मोबाइल टावर। कभी स्कूल जलाए जाते थे, कभी सड़क बनाने वालों को मार दिया जाता था। उन्होने कहा कि इन लोगों का बाबा साहब आंबेडकर के संविधान पर कोई विश्वास नहीं था। नीतीश कुमार ने उन परिस्थितियों में यहां विकास की पूरी कोशिश की। 2014 के बाद से हमने इस दिशा में और तेजी से काम किया। हमने माओवादियों को उनके किए की सजा देनी शुरू की। हम युवाओं को विकास की मुख्यधारा में भी लेकर आए। 11 सालों की प्रतिज्ञा का फल आज देश को मिलना शुरू हुआ है। 2014 से पहले देश में सवा सौ से ज्यादा जिले नक्सल प्रभावित थे। अब सिर्फ 18 जिले नक्सल प्रभावित बचे हैं। अब सरकार सड़क भी दे रही है, रोजगार भी दे रही है। वो दिन दूर नहीं जब माओवादी हिंसा का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा। उन्होने कहा कि शांति, सुरक्षा, शिक्षा और विकास गांव-गांव तक बिना रुकावट के पहुंचेंगे। जब सुरक्षा व शांति आती है तभी विकास के नए रास्ते खुलते हैं। यहां नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब जंगलराज वाली सरकार की विदाई हुई तो बिहार भी प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने लगा। टूटे हाईवे, खराब रेलवे, गिनी चुनी फ्लाइट कनेक्टिविटी, वो डर और वो दौर अब इतिहास बन चुका है। कभी बिहार में एक ही एयरपोर्ट था पटना में। आज दरभंगा एयरपोर्ट भी बनकर तैयार हो गया है। बिहार के लोगों की लंबे समय से मांग थी कि पटना एयरपोर्ट के टर्मिनल को आधुनिक बनाया जाए। अब ये मांग भी पूरी हो गई है। उन्होने कहा कि पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल 1 करोड़ यात्रियों को संभाल सकता है। हर तरफ तेजी से काम हो रहा है। हजारों करोड़ की परियोजनाएँ बिहार में नए अवसर और संभावनाओं का निर्माण कर रही हैं। इन प्रोजेक्ट से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। यहां टूरिज्म और व्यापार दोनों को फायदा होगा। बिहार में रेलवे की हालत भी अब तेजी से बदल रही है। आज बिहार में वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। रेलवे लाइनों को डबल और ट्रिपल किया जा रहा है। सासाराम में भी अब 100 से ज्यादा ट्रेनें रुकती हैं। हम पुरानी समस्याओं को भी दूर कर रहे हैं और रेलवे का आधुनिकरण भी कर रहे हैं। उन्होने कहा कि ये काम पहले भी हो सकते थे। लेकिन जिनके ऊपर बिहार को आधुनिक ट्रेनें देने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने रेलवे में भर्ती के नाम पर आपकी जमीन लूटने का काम किया। गरीबों की जमीन लिखवा ली। सामाजिक न्याय की उनकी यही तरीके थे। गरीब को लूटना, उनके अधिकारों को लूटना, उनकी मजबूरी का फायदा उठाना और खुद राजाशाही की मौज करना। जंगलराज वालों से आगे भी सावधान रहना जरूरी है। बीते वर्षों में बिहार में बिजली उत्पादन पर बहुत जोर दिया गया। आज बिहार में बिजली की खपत 10 साल पहले से 4 गुणा हो गई है। नविनगर में एनटीपीसी का बड़ा पावर प्रोजेक्ट बन रहा है। इस पर 30 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे बिहार को 1500 मेगावॉट बिजली मिलेगी। उन्होने कहा कि अब हमारा ध्यान भविष्य की ओर है। हमे बिहार को ग्रीन एनर्जी की ओर लेकर जाना है। इसलिए कजरा में सोलर पार्क का निर्माण भी हो रहा है। हमारे इन प्रयासों का असर है कि यहां के लोगों का जीवन बेहतर हो रहा है। यहां 75 लाख से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सहायता मिल रही है। हमारी सरकार ने मखाना बोर्ड की घोषणा की है। हमने बिहार के मखाना को जीआई टैग दिया। इससे मखाना किसानों को बहुत लाभ दिया है। जिन लोगों को बिहार को सबसे ज्यादा ठगा, जिनके दौर में बिहार के गरीब और वंचित तबके को बिहार छोड़कर जाना पड़ा, आज वहीं लोग सत्ता पाने के लिए सामाजिक न्याय का झूठ बोल रहे हैं। दशकों तक बिहार के दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को शौचालय तक नहीं था। दशकों तक हमारे इन भाई बहनों के पास बैंक में खाता तक नहीं था। उनके लिए बैंकों में एंट्री बंद थी। उन्होने कहा कि बिहार के लोगों की ये दुर्दशा ये पीड़ा, ये तकलीफ कांग्रेस और आरजेडी का क्या यहीं सामाजिक न्याय था। कांग्रेस और आरजेडी वालों ने कभी दलित, पिछड़ा की इतनी तकलीफों की चिंता तक नहीं की। ये लोग विदेशियों को बिहार की गरीबी दिखाने के लिए घुमाने लाते हैं। कांग्रेस को उसके पापों की वजह से जब गरीब पिछड़ा समाज ने छोड़ दिया है तो उन्हें अपना बताने के लिए उन्हें सामाजिक न्याय की बातें याद आ रही हैं। जब जब बिहार ने प्रगति की है, भारत दनिया के शिखर पर पहुंचा है। सभा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, रालोजपा नेता चिराग पासवान, रालोमो के नेता उपेंद्र कुशवाहा सहित कई केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और विधान पार्षदों ने संबोधित किया।