जाको राखे साइयां मार सके न कोई’: वृद्ध के ऊपर से गुजर गई पूरी मालगाड़ी ट्रेन, खरोंच तक नहीं आई
मनोज कुमार ।
गया. एक पुराना चरितार्थ है, ‘जाको राखे साइयां मार सके न कोई’. ठीक ऐसा ही एक मामला बिहार के गया में देखने को मिला है. एक वृद्ध जो कि शरीर से भी दुर्बल और कमजोर था, उसके ऊपर से पूरी मालगाड़ी ट्रेन गुजर गई, लेकिन उसे एक खरोंच तक नहीं आई. हालांकि यह वृद्ध की सूझबूझ-हिम्मत का नतीजा था, कि इस उम्र में और शरीर दुर्बल होते हुए भी सूझबूझ से काम लिया और फिर सुखद संयोग के कारण उसकी जान बच गई. यह दृश्य देख आश्चर्य से भरे लोगों ने कहा- बाबा तुम्हारा नया जन्म हो गया.
गया- कोडरमा रेल सेक्शन पर खड़ी थी मालगाड़ी ट्रेन, वृद्ध घुसकर हो रहा था पार, अनाउंस के बाद अचानक खुल गई
जानकारी के अनुसार गया -कोडरमा रेल सेक्शन के फतेहपुर प्रखंड अंतर्गत पहाड़पुर स्टेशन पर एक मालगाड़ी ट्रेन खड़ी थी. कुछ देर तक ट्रेन पहाड़पुर स्टेशन पर खड़ी रही. इसके बाद ट्रेन के खुलने का अनाउंस होने लगा. अनाउंस में कहा जा रहा था, कि कोई भी यात्री मालगाड़ी के नीचे से नहीं आए. जैसा कि अक्सर ग्रामीण लोग ट्रेन में घुसकर पटरी को क्रॉस करते हैं. यहां भी ऐसा ही वाकया सामने आ गया, जब इस चेतावनी के बावजूद एक वृद्ध मालगाड़ी के नीचे से घुसकर पार होना चाहा, कि अचानक से ट्रेन खुल गई.
पूरी ट्रेन गुजर गई, चिल्लाते रहे लोग, खरोंच तक नहीं आई
अचानक से ट्रेन खुल जाने के बाद वृद्ध एकदम सकपकाया. इस बीच वहां पर मौजूद रहे लोग चिल्लाने लगे. कहने लगे बाबा पटरी पर सो जाइए, कुछ नहीं होगा. वृद्ध ने भी बुद्धि विवेक से काम लिया और पटरी पर सो गया. इस बीच ट्रेन बढी और फिर एक के बाद एक कर उसकी सारी बोगियां वृद्ध के ऊपर से गुजर गई, लेकिन आश्चर्य की वृद्ध को एक खरोच तक नहीं आई.
मालगाङी ट्रेेन पार होने के बाद वृद्ध उठा और फिर लाठी के सहारे चलता बना
पूरी मालगाड़ी ट्रेन के पार होने के बाद वृद्ध उठा. मन ही मन कुछ बुदबुदाया और फिर लाठी के सहारे चलते बना. इस बीच वहां मौजूद लोग आश्चर्यचकित हो रहे थे. वहीं, उनके द्वारा यह भी कहा जा रहा था, कि बाबा तुम्हारा फिर से नया जन्म हो गया. मौजूद लोगों में आश्चर्य का ठिकाना था. वृद्ध की पहचान फतेहपुर प्रखंड के मोरहे गांव निवासी बालो यादव के रूप में की गई है. इस तरह वृद्ध बालो यादव अपनी सूझबूझ से जिंदा बच गया. वहीं, इस तरह की घटना को देख रहे यात्री दंग रह गए थे और तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे थे. यह भी कह रहे थे कि ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोई’. वृद्ध के साहस की भी काफी चर्चा हो रही थी. फिलहाल इस तरह का मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.