देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसान बिहार सरकार के उदासीन रवैये से परेशान : डॉ बलिराम
चंद्रमोहन चौधरी .
रोहिणी नक्षत्र में किसानों द्वारा धान का बीजड़ा डाला गया है। अब मृगडाह नक्षत्र शुरू हो गया है। पूरा जिला लू की चपेट में है। बढ़े हुए तापमान से लोगों का घर से दिन में निकलना मुश्किल-सा हो गया है। जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। उधर किसान अपने बिजड़े को बचाने में लगे हुए हैं। जबकि नहरों में अंतिम छोर तक पानी भी अभी तक नहीं पहुंच पाया है। नहरों में पर्याप्त पानी नहीं होने की वजह से किसान बोरिंग चलाकर बिजड़े को बचाना चाहते हैं। लेकिन उन्हें पर्याप्त बिजली भी नहीं मिल पा रही है। इस संदर्भ में बिहार भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य तथा किसान नेता प्रो० बलिराम मिश्रा ने एक प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसान बिहार सरकार के उदासीन रवैये से परेशान हैं। एक तरफ न तो नहरों में अंतिम छोर तक अभी पानी पहुंच पाया और न ही किसानों को पर्याप्त बिजली मिल पा रही है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई ट्रांसफार्मर जले पड़े हैं जिसे बदले नहीं गए हैं। इस कारण किसान अपने बीजड़े को बोरिंग से बचा पाने में अक्षम दिख रहे हैं। अपने दिए बयान में प्रो० मिश्रा ने बिजली विभाग पर तंज कसते हुए कहा है कि जिसका बिजली बिल तीन अंक में आना चाहिए उसका चार-पांच अंक में आ रहा है और जिसका चार-पांच अंक में आना चाहिए, उसका तीन अंक में आ रहा है। किसान नेता ने कहा है कि बिजली विभाग मनमानी बिल भेजना बंद करे और नहीं तो इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ सकता है। प्रो० मिश्रा ने बिहार सरकार पर यह आरोप लगाया है कि जब भी कृषि-कार्य शुरू होता है। न तो किसानों के खेतों को भरपूर पानी मिल पाता है और न ही खुले बाजार से उर्वरक। इससे स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार अपना हित चाहती है, किसानों का नहीं। जबकि किसान-विरोधी सरकार इससे अपना ही अहित कर रही है।