विपक्ष की सामूहिक बैठक क्या बीजेपी के रथ को रोक पाएगी ?

संजय वर्मा ll

12 जून को पटना के ज्ञान भवन में देश की 17 प्रमुख विपक्षी पार्टियों के सुप्रीमो का जुटान होगा जिसमे देश मे 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव की रणनीति बनेगी। यानी विपक्षी पार्टियों की एकता से केंद्रीय सत्ता से भाजपा या नरेंद्र मोदी को कैसे अपदस्थ किया जाय मुख्य रूप से इसपर ही विचार होगा उधर इस मीटिंग के फिक्स होते ही भाजपा की बेचैनी बढ़ गई यह तय किया गया है कि गृहमंत्री अमित शाह भर जून बिहार में ठेहुनी मार कर बैठेंगे तो पीएम मोदी चार बड़ी रैलियां करेंगे लोकसभा चुनाव में अभी एक साल है भाजपा अपने नौ साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने की बात कर रही है जबकि उसने अधिकांश वादों को जुमला बता पूरा करने से नकार दिया देश आज हर स्तर पर अराजक दौर से गुजर रहा महंगाई भ्रष्टाचार बेरोजगारी भुखमरी किसान आत्म हत्या ये समस्याएं नासूर बन गई अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट डॉलर के मुकाबले रुपये लगातार लुढ़क रहा न आतंकवाद काबू किया गया न उसकी गतिविधियों पर रोकथाम जनता के बीच घोर निराशा हताशा तो ही विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़ता है तो मोदी को हराना मुश्किल नहीं यह बिहार के सीएम नीतीश स्पष्ट कर चुके हैं नीतीश की अगुआई का प्रतिफल ही 12 जून को पटना में दिखाई देगा जब विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर मोदी को उखाड़ फेंकने को हुंकार भरेंगे

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