जल संरक्षण हेतु लोगों को जागरूक एवं प्रोत्साहित करें – उप सचिव
दिवाकर तिवारी ।
जल शक्ति अभियान की नोडल पदाधिकारी सह भारत सरकार के वाणिज्य विभाग की उप सचिव पारूल सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक।
रोहतास। जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश के आलोक में ‘कैच द रेन व्हेयर इट फाल्स व्हेन इट फॉल्स’ अभियान के द्वितीय चरण के तहत जिले में जल शक्ति केन्द्र की स्थापना की गई है। जिससे सभी विभाग एवं संस्थान जुड़े हुए है तथा इस अभियान से सभी पंचायत एवं नगर इकाईयां भी अच्छादित है। जिसका मुख्य लक्ष्य सभी घरों तक शुद्ध पेयजल पहुँचाना, भू-जलस्तर को बढ़ाना तथा अगली पीढ़ी के लिए पेयजल की निरंतरता को बनाये रखना है। इसी आलोक में जिला समाहरणालय स्थित डीआरडीए संवाद कक्ष में मंगलवार को जल शक्ति अभियान की नोडल पदाधिकारी सह भारत सरकार के वाणिज्य विभाग की उप सचिव पारूल सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। जहां उप विकास आयुक्त शेखर आनंद द्वारा बताया गया कि जल शक्ति अभियान के तहत परम्परागत जल संरचनाओं यथा तालाब, पोखर, कुआँ, आहर एवं पाईन को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तथा ग्रामीण विकास के माध्यम से अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। अभी तक कुल 2252 आहर, तालाब, पइन आदि में से 2221 तथा सभी 353 अतिक्रमित कुओं को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। जबकि सार्वजनिक जल संचयन संरचना एवं जिले की मृत प्राय काव नदी का भी जिर्णोद्वार मनरेगा के तहत किया जा रहा है। साथ हीं सार्वजनिक कुओं, चापाकल आदि के किनारे सोख्ता व अन्य जल संचयन संरचना का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छोटी-छोटी नदी, नाली एवं पहाड़ी क्षेत्र के जल संग्रहण क्षेत्र में चेक डैम, गार्डेन ट्रेंच एवं जल संचयन की अन्य संरचनायें निर्मित की जा रही है। वहीं जिले के सरकारी भवनों पर वर्षा जल संचयन संरचना का निर्माण अनिवार्यरूप से किया जाता है तथा निजी भवनों में भी इस प्रकार की संरचना के निर्माण हेतु लोगों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। डीडीसी ने कहा कि जिले में हरित आवरण को बढ़ाने, वातावरण को स्वच्छ रखने, भूगर्भ जल के कम से कम उपयोग एवं प्रदूषण को कम करने के लिए सघन वृक्षारोपण, पौधशाला सृजन, वैकल्पिक फसल, ड्रीप सिंचाई एवं जैविक खेती आदि को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा जल संचयन में जन सहभागिता को प्रोत्साहित करने हेतु जल कलश यात्रा आदि का आयोजन किया जा रहा है।
वहीं बैठक के दौरान विभिन्न कार्यों की समीक्षा करते हुए जल शक्ति अभियान की नोडल पदाधिकारी पारूल सिंह ने वाटर टैंक में जीपीएस सिस्टम लगाने पर बल दिया। जिससे जलापूर्ति लक्षित जन समूह तक हो सके तथा जल संरक्षण हेतु जन सहभागिता को जागरूक एवं प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। गौरतलब हो कि जल संरक्षण हेतु जिले में किये जा रहे कार्यो का नोडल पदाधिकारी द्वारा भौतिक निरीक्षण 30 एवं 31 जून को प्रस्तावित हैं। जिसको लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा है। मौके पर अपर समाहर्त्ता चंद्र शेखर प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ केएन तिवारी, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नगर आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल सहित वन विभाग के पदाधिकारी एवं अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।