महात्मा ज्योतिबा फुले की जीवनी को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करें सरकार- विनय कुशवाहा

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मनोज कुमार ।
महात्मा ज्योतिबा फुले क्रांतिकारी संघ के बैनर तले इंस्पेक्टर कॉलोनी गया में राष्ट्रपिता महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले का जयंती समारोह धूमधाम से मनाया गया।इस समारोह को संबोधित करते हुए संघ के राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय जनता दल के प्रांतीय सचिव विनय कुशवाहा ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले इस देश के महान समाज सुधारक शिक्षा का अलख जगाने वाले नारी शिक्षा का जनक थे।
विनय कुशवाहा ने कहा कि 1840 में जिस समय कमजोर वर्ग के लोगों को एवं किसी भी जाति समुदाय के महिलाओं को पढ़ने लिखने की आजादी नहीं थी दासी के रूप में महिलाओं को रखा जाता था बाल विवाह विधवा का बाल मुंडन जात-पात उच्च नीच छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों से समाज जकड़ा हुआ था महिलाओं के पढ़ने लिखने की आजादी नहीं थी वैसी परिस्थिति में महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज सुधार की दिशा में एक नई जंग की शुरूआत किया महात्मा ज्योतिबा फुले की शादी बाल्यावस्था में हो गई थी ।

इसलिए उन्होंने बाल विवाह का विरोध किया और अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को पढ़ाने का काम किया एवं देश की महिलाओं और बेटियों को पढ़ने के लिए स्कूल की स्थापना की और अपनी पत्नी को महिलाओं को पढ़ाने का जिम्मा दिया उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले देश की प्रथम महिला शिक्षिका बनी उसे समय महात्मा फुले को सामंतियों द्वारा तरह-तरह का प्रताड़ना का भी सामना करना पड़ा इन्होंने पूरी मजबूती से समाज सुधार की दिशा में काम किया और इन्हीं का दिन है कि आज इस देश की महिला इतनी पढ़ी-लिखी सशक्त और मजबूत है आज उनके जन्म दिवस पर हम लोग श्रद्धांजलि देते हुए देश की सरकार से मांग करते हैं कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ साउथ बिहार को महात्मा ज्योतिबा फुले सेंट्रल यूनिवर्सिटी के नाम रखा जाए एवं उनकी जीवनी को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करें।कार्यक्रम की अध्यक्षता कुमार शंभू प्रसाद अधिवक्ता ने किया इस जयंती समारोह में सत्येंद्र प्रसाद सुमन, विक्रमादित्य सिंह कुशवाहा पप्पू कुशवाहा कृष्णा मेहता मनोज कुशवाहा जितेंद्र कुमार वर्मा लक्ष्मण प्रसाद कुशवाहा मोहम्मद छोटू पंकज यादव राजेंद्र प्रसाद वर्मा रवि शंकर प्रसाद उर्फ मुन्ना भंटा पासवान, अनिल प्रसाद अधिवक्ता सहित दर्जनों लोग शामिल हुए।