ड्रोन सेक्टर की नामी कम्पनी AVPL इंटरनेशनल बिहार में लगाएगी ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट
बिहार में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने वाली पहली कंपनी बनेगी AVPL International*
-इस यूनिट से होगा बिहार के आईटी सेक्टर का विकास, प्रतिवर्ष 24000 ड्रोन तैयार करने से राज्य के करीब 10 हजार युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मिलेगा रोजगार, 11 राज्यों को मिलेगा ड्रोन तकनीकी का सीधा लाभ-प्रीत संधू, संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक AVPL International .
विश्वनाथ आनंद ।
पटना (बिहार):-AVPL इंटरनेशनल बिहार के औद्योगिक क्षेत्र बिहटा में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने जा रहा है, जिससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार के लाभ मिलेंगे बल्कि प्रतिवर्ष 24000 ड्रोन बनाकर ये यूनिट 11 राज्यों में सीधे तौर पर 10,000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के अवसर प्रदान करेंगी। इतना ही नहीं AVPL International बिहार में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने वाली पहली ड्रोन कपंनी बन जाएगी, जोकि बिहार में पहली ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने जा रही है। इससे यूनिट से बिहार सहित आस पास के 10 राज्यों को ड्रोन तकनीक से जोड़ा जायेगा। आपको बता दें बिहार में विशेष पैकेज के अंतर्गत बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (BIADA) बड़े-बड़े उद्योगों व निर्माता कम्पनियों को औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश करने हेतु आकर्षित कर रहीं है। बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग बढ़ावा देने और बिहार के स्थानीय क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए के इस पहल को डिजाइन किया गया है।
बिहार के औद्योगिक क्षेत्र बिहटा में AVPL इंटरनेशनल द्वारा लगभग 16,000 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैले इलाक़े में AVPL ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को स्थापित किया जायेगा। इस प्रोजेक्ट की शुरुआती दौर में लगभग 15 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा। इसके बाद जैसे-जैसे ड्रोन की मांग बढती जाएगी, इस यूनिट में निवेश को बढ़ाया जाता रहेगा। AVPL International की इस AVPL ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में हर साल 24000 ड्रोन तैयार किये जायेंगे, जोकि कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोग में लायें जा सकेंगे। अनुमान है कि यदि इस क्षेत्र में प्रति माह 2000 ड्रोन विकसित होंगे, तो आस-पास के इलाकों में प्रतिवर्ष 10000 युवाओं को ड्रोन पायलेट, तकनीशियन व ड्रोन ट्रेनर जैसी कई जॉब्स दी जा सकेगी साथ ही जिला स्तर पर व ब्लॉक् स्तर पर ड्रोन उद्यमी तैयार किये जा सकेंगे।इस बारे में AVPL इंटरनेशनल की संस्थापक और प्रबंध निदेशक, प्रीत संधू ने बताया कि “यह परियोजना सिर्फ एक ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है, बल्कि यह बिहार के स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने, क्षमता निर्माण और ड्रोन उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्थानीय प्रतिभाओं का उपयोग करते हुए, हम क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा दे रहें है, इतना ही नहीं भारत को ड्रोन तकनीकी के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करने हेतु प्रयासरत हैं।” इस AVPL ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से तैयार किये गए ड्रोन कृषि प्रथाओं को सुधारने में मदद करेंगे, जिससे सटीक कृषि तकनीकों का उपयोग कर फसल प्रबंधन को अनुकूलित किया जा सकेगा, उपज में वृद्धि होगी और लागत में कमी आएगी। इस AVPL ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से न केवल बिहार बल्कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा जैसे राज्यों के लिए को ड्रोन तकनीकी का लाभ मिलेग, जहां तकनीकी समाधान कृषि उत्पादकता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकते हैं।बिहार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, अभय कुमार सिंह ने भी हाल ही में इस क्षेत्र में कई कंपनियों की ओर से निवेश में रुचि दिखाए जाने का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि बिहार आईटी क्षेत्र विकास को लेकर राज्य सरकार 1000 करोड़ से अधिक के निवेश की उम्मीद कर रही है। जबकि अब तक ₹650 करोड़ रूपये का निवेश आईटी क्षेत्र में प्राप्त हो चुका है। जिसमे ड्रोन इंडस्ट्री भी अपनी रूचि बिहार के आईटी क्षेत्र में दिखा रही है। इस निवेश से बिहार व आस-पास के क्षेत्रों में 70% तक रोजगार में वृद्धि हो सकती है, जिसमें 40% सीधी और 30% अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा।