गूगल स्कॉलर डॉ नंद जी कानू के अनुसंधान को वैश्विक स्तर पर मिली सराहना, शीर्ष वैज्ञानिकों में शामिल

डॉ नंद के 21 वेब ऑफ साइंस इंडेक्सड शोध पत्र एवं 24 वेब ऑफ साइंस व स्कोपस इंडेक्सड सम्मेलन पत्र प्रकाशित

दिवाकर तिवारी ।

सासाराम। कहते हैं जीवन में सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए सफल व्यक्ति कुछ अलग करने की बजाय हर चीजों को हीं अलग तरीके से करते हैं और यही सोच उन्हें उत्कृष्ट बनाती है। ऐसा हीं कुछ कारनामा रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के गौरक्षणी निवासी डॉक्टर नंद जी कानू ने भी किया है। जिन्हें एकेडमिक रैंकिंग ऑफ़ वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज में दूसरी वरीयता प्राप्त स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कंपोजिट सामग्री, फाइनाइट एलिमेंट एनालिसिस, बायोमेकाट्रोनिक्स, प्रक्रिया अनुकूलन और ऊर्जा व पर्यावरण प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में किए गए अग्रणी कार्यों को देखते हुए वर्ष 2023 और 2024 के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में शामिल किया है। सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत से पीएचडी धारक डॉ नंद जी कानू ने अपने 11 वर्षों के करियर में 4D प्रिंटेड सामग्री, आत्म-उपचारशील कंपोजिट और संरचनात्मक स्वास्थ्य निगरानी जैसे क्षेत्रों में भी अनेक अनुसंधान किए हैं। इसके अलावा डॉ नंद ने 21 वेब ऑफ साइंस इंडेक्सड शोध पत्र एवं 24 वेब ऑफ साइंस व स्कोपस इंडेक्सड सम्मेलन पत्र व पुस्तक अध्याय प्रकाशन के साथ-साथ प्रतिष्ठित प्रकाशकों जैसे एलेसवियर और स्प्रिंगर के लिए भी पुस्तकों में योगदान दिया है।वहीं डॉ नंदजी कानू फिलहाल जेएसपीएम नरहे टेक्निकल कैंपस, पुणे में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं और इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए कई पुस्तकें भी प्रकाशित कर चुके हैं। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठित सूची एवं विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में शामिल डॉ नंद एक गूगल स्कॉलर भी हैं और गूगल स्कॉलर के रूप में उनकी वर्तमान उपलब्धियां उद्धरण (साइटेशन) 984, एच इंडेक्स 17 एवं आई-10 इंडेक्स 33 है।


अनुसंधान के क्षेत्र में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अव्वल

स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी को पूरे विश्व में अनुसंधान और स्टार्ट-अप का केंद्र माना जाता है। गूगल ने भी अपनी शुरुआत स्टैनफ़ोर्ड अनुसंधान परियोजना के रूप में की थी और यह एक निजी अनुसंधान विश्वविद्यालय है। बता दें कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठित सूची में वैज्ञानिकों का चयन स्कोपस डेटा के आधार पर उनके शोध के प्रभाव और दीर्घकालिक योगदान को देखते हुए किया जाता है। स्टैनफोर्ड की यह सूची वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक उद्धृत वैज्ञानिकों को पहचानती है।

डॉ नंद की सफलता की हर तरफ हो रही सराहना

गूगल स्कॉलर डॉ नंद ने अपनी सफलता के बदौलत रोहतास जिले के साथ-साथ पूरे देश का भी मान बढ़ाया है। अपनी इस उपलब्धि के लिए उन्होंने अपने मार्गदर्शकों, सहकर्मियों, छात्रों और परिवार के विशेषकर अपनी माता बिमला देवी, पत्नी प्रोफेसर इवा गुप्ता, पुत्री ईशा गुप्ता और अपने दिवंगत पिता देवनंदन कानू का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि अपने क्षेत्र में अनुसंधान की सीमाओं को आगे बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बड़ी बात है कि अनुसंधान के क्षेत्र में डॉ नंद जी कानू के योगदान को व्यापक स्तर पर सराहना मिली है और जिले के बुद्धिजीवियों ने भी अपार खुशी व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दीं है।