एमओ के मनमानी रवैये से गैस संचालिका परेशान,पुराने वायरल पत्र को बनाया था आधार
संतोष कुमार,रजौली
इन दीनों रजौली एमओ के ऊपर उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत खूब चरितार्थ हो रहा है।क्योंकि रजौली एमओ राजेश कुमार गुप्ता के मनमानी रवैये से गैस संचालक और कर्मी काफी परेशान दिख रहे हैं।निशा भारत गैस की संचालिका निशा कुमारी ने बताई कि रजौली एमओ साहब के द्वारा रेखा देवी नामक महिला का शिकायत लेकर बार-बार कार्यालय आते हैं और उज्ज्वला योजना के नाम पर पैसा लेने का आरोप लगाकर कर्मियों को डराते-धमकाते हैं। जबकि उक्त महिला रेखा देवी को 2017 में ही उज्ज्वला योजना का लाभ दे दिया गया है और वह नियमित तौर पर गैस का उठाव भी कर रही है।साथ ही बताई कि जो लोग उज्ज्वला योजना के नाम पर पैसा लेने की बात कर रहे हैं वह बेवजह आरोप लगा रहे हैं।उन्होंने बताया कि एक राशन कार्ड पर एक ही लाभुक को उज्ज्वला योजना का लाभ दिया जा सकता है।लेकिन एक राशन कार्ड पर परिवार के कई सदस्यों का नाम अंकित रहता है।वैसी स्थिति में परिवार के अन्य सदस्य उज्ज्वला योजना का लाभ लेने के लिए आते हैं और जब उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं दिया जाता है।तो वैसे स्थिति में वे लोग बेवजह पैसे मांगने का आरोप लगाकर परेशान करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि अगर किसी भी तरह का शिकायत वरीय अधिकारियों को मिलता है तो वह जांच के लिए स्वतंत्र हैं। वह आए और जांच करें,मैं और मेरे कर्मी उनका स्वागत करेंगे। लेकिन रजौली एमओ राजेश कुमार गुप्ता सर के द्वारा किसी के दबाव में आकर बेवजह मुझे परेशान किया जा रहा है,जो निंदनीय है।जैसे ही एमओ द्वारा निशा भारत गैस एजेंसी की जांच का मामला प्रकाश में आया,वैसे ही चौक चौराहों पर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि एमओ साहब जितनी तत्परता निशा भारत गैस एजेंसी के जांच के लिए दिखा रहे हैं।काश उतनी तत्परता गरीबों को मिलने वाले अनाज के समय दिखाते तो शायद गरीबों को भी 4 किलोग्राम के जगह पर 5 किलोग्राम अनाज मिलता और अनाज की गुणवत्ता भी बेहतर हो पाती।
क्या कहते हैं पदाधिकारी –
इस बाबत एमओ राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि मुझे उपभोक्ता द्वारा शिकायत मिली थी।इस वजह से मैं गुरुवार और सोमवार को एजेंसी के पास जानकारी लेने गया था।वहीं सोमवार को एजेंसी में मालकिन एवं उनके कर्मी ही थे।शिकायतकर्ता एजेंसी के पास नहीं मिले।साथ ही बताया वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री के पास किये शिकायत की कॉपी मिलने के बाद जांच का मामला बनता था।उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट को वरीय पदाधिकारी को सुपुर्द कर दिया गया है।