बहुजन नायक वीर शिरोमणि सम्राट लाखन पासी का जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई

विशाल वैभव ।

बिहारशरीफ:- बिहारशरीफ के पचासा चौक स्थित बाबा साहब के प्रतिमा के समक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वाधान में बहुजन नायक वीर शिरोमणि सम्राट लाखन पासी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करते हुए जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
इस अवसर पर डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान मंच के प्रदेश अध्यक्ष फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामदेव चौधरी मंच के प्रदेश महासचिव बलराम साहब ने संयुक्त रूप से कहा कि बहुजन नायक वीर शिरोमणि सम्राट लाखन पासी ने लखनऊ की स्थापना की थी आज जी टीले पर किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की भाभी इमारत खड़ी हुई है इस किले पर राजा लाखन पासी का किला हुआ करता था लाखन पासी का राज्य 10-11वीं शताब्दी में था उनका किला डेढ़ किलोमीटर लंबा और डेढ़ किलोमीटर चौथा और धरातल से 20 मीटर ऊंचे पर बसा था। महाराजा लाखन पासी के पत्नी का नाम लखनावती था।

संभवता इसलिए लखनऊ का नाम लखनावती चलता था महाराजा लाखन पासी ने लखनावती वाटिका का निर्माण कराया था। जिसके पूर्वी किनारे में नाग मंदिर भी बनवाया था, महाराज लाखन पासी नागों के उपासक थे। किले के उत्तरी भाग में लाखन कुंड था। जिसमें साफ पानी भरा रहता था इस पानी का उपयोग राजघराने के लोग करते थे। इतिहास के पन्नों में अंकित है कि जब सैयद सालार मसूद गाजी लखनऊ पर हमला किया था तो उसके प्रमुख सेनापति सैयद हातिम ने महाराजा लाखन पासी के किले गढी जिन्दौर के सीमा पर पड़ाव डाला था वहीं से किले की सारी जानकारी हासिल किया और तय किया कि राजा लाखन पासी और कसमंडी के राजा कंस पर एक साथ हमला किया जाए ताकि एक दूसरे की मदद न कर पाए लाखन पासी कसमंडी के राजा कंस की बहुत पुरानी दोस्ती थी उस समय गाजी मियां और पासियो की लड़ाई राजपाट की थी परिणाम स्वरुप सैयद सालार मसूद गाजी लखन पसी और कसमंडी के राजा कंस पर शाम को ठीक होली के दिन हमला किया था जब सारी सेना और लखन पसी आराम कर रहे थे किले पर अचानक हमला देखकर लाखन पासी घोड़े पर सवार होकर युद्ध भूमि में जा डेट युद्ध बहुत भयंकर था राजा लखन की सेना गाजी के सेना पर भूखे शेर की भांति टूट पड़े मसूद के सेना में सभी घोड सवार थे महाराजा लखन को चारों तरफ से घेर लिया तब भी लाखन पासी बहादुरी से लड़ते रहे उन पर तलवारों के हमले हो रहे थे गाजी के एक सैनिक ने धोखे से पीछे से तलवार गर्दन पर मार दिया और उनका सर कट कर जमीन पर गिर गया भीषण युद्ध के बाद उस जगह का नाम सरकटा नाल पड़ा चौपटिया नामक स्थान पर स्थित अकबरी दरवाजे के पास ही युद्ध हुआ था जिस समय राजा का सिर धड़ से अलग हुआ था उस समय सिर काटने के बाद भी राजा का धड दोनों हाथ में तलवार लेकर युद्ध लड़ रहा था सर कटे होने के बावजूद कई सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था यह कारनामा गाजी के सैनिक देख कर घबरा गए ऐसे साहसी वीर पुरुष थे महाराजा लाखन पासी।
आधुनिक भारत के निर्माता भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने पासी समाज को नागवंश का मानना है। गुप्त काल में इन्हें दंडपासी के नाम से जाना जाता था। वहीं अंग्रेजी में पासी का मतलब किंग बताया गया है इतिहास गवाही देता है कि लखनऊ वीर शिरोमणि महाराजा लाखन पासी जी का है।इस अवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश के उपाध्यक्ष नंदलाल दास महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष ललित देवी जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार चंदन चाहत चंदेश्वर महतो अशोक पासवान आदित्य दर्जनों लोग उपस्थित थे।

रामदेव चौधरी
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष सह फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष