अस्पताल में आनेवाले मरीजों के साथ स्वास्थ्यकर्मी करते हैं दुर्व्यवहार,बाथरूम में पानी तक नहीं
संतोष कुमार ।
मुख्यालय स्थित अनुमंडलीय अस्पताल अपनी लचर-पचर व्यवस्था के कारण हमेशा सुर्खियों में रहा है।बुद्धिजीवियों की मानें तो यह अस्पताल सिर्फ कागजों पर संचालित हो रहा है।साथ ही अस्पताल में आनेवाले मरीजों के साथ स्वास्थ्यकर्मी द्वारा दुर्व्यवहार किया जाना आम बात हो गई है।अस्पताल के कमियों को दूर करने के लिए एसडीओ आदित्य कुमार पीयूष की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम गठित कर रोगी कल्याण समिति बनाई गई।जबकि इस समिति के लोग अस्पताल में मरीजों को मिलनेवाली सुविधा के बारे में कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।जिसके कारण अस्पताल में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा रात्रि को आनेवाले मरीजों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।इन स्वास्थ्यकर्मियों को प्रभारी डीएस एवं सिविल सर्जन नवादा के अलावे रोगी कल्याण समिति से कोई डर और भय नहीं है।ताजा मामला बीती रात्रि मंगलवार का है।
फरका बुजुर्ग पंचायत के अम्बातरी गांव से डायरिया से पीड़ित तीन मरीज सिंकु कुमारी,करिश्मा कुमारी एवं मुन्नी यादव रात्रि के 10 बजे अस्पताल पहुंचते हैं।अस्पताल में गंदगी से पटे वार्ड में तीनों को लिटाया जाता है।अस्पताल में ड्यूटी में रहे चिकित्सक डॉ. सतीश चन्द्र सिन्हा द्वारा स्लाइन आदि देकर उपचार शुरू किया गया।इसी बीच दस्त से परेशान मरीज अस्पताल के बाथरुम में जाती है,जहां नल से एक बूंद पानी नहीं मिल पाया।बाद में परिजनों द्वारा बन्द बोतल में बाहर से पानी लाकर दिया गया।इसकी शिकायत परिजन मनोज कुमार द्वारा चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी से किया गया।शिकायत पाकर चिकित्सक द्वारा दोटूक जवाब दिया गया कि हमारी जिम्मेदारी सिर्फ इलाज करने की है।यदि दिक्कत है तो हम मरीजों को नवादा रेफर कर देते हैं।बाथरूम में पानी नहीं है और अस्पताल गंदा है,इसके लिए अस्पताल के प्रभारी डीएस जिम्मेदार हैं।परिजनों ने जब प्रभारी डीएस को कॉल किया तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।अब ऐसी स्थिति में मरीजों और परिजनों को काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ा।बताते चलें कि इन परेशानियों के बावजूद सभी मरीजों का इलाज अस्पताल में जारी है।मरीजों का हाल पहले के अपेक्षा सुधार हुआ है।बताते चलें कि अनुमंडलीय अस्पताल को कागजों में ट्रामा सेंटर बताया जा रहा है।साथ ही दावा किया जाता है कि यहां मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी,लेकिन सुविधाएं बढ़ने के जगह पर कम होती दिखाई दे रही है।अस्पताल की दुर्दशा को देखकर भी रोगी कल्याण समिति का मौन होना अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की गवाही दे रहा है।