5 सितंबर, शिक्षक दिवस के अवसर पर गौतम बुद्ध महिला कॉलेज की अंग्रेजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी ने कहा कि एक शिक्षक अथवा शिक्षिका के लिए सबसे खुशी का पल वह होता है…

 

विश्वनाथ आनंद
औरंगाबाद (बिहार )- शिक्षक दिवस के अवसर पर गौतम बुद्ध महिला कॉलेज की अंग्रेजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एक शिक्षक अथवा शिक्षिका के लिए सबसे खुशी का पल वह होता है, जब उनके छात्र/छात्राएँ विभिन्न क्षेत्रों में सफलता पायें. दरअसल, स्टूडेंट्स के सम्मान से ही टीचर्स का वास्तविक सम्मान जुड़ा होता है. बड़े ही हतभागी और मूढ़ होते हैं वे टीचर्स, जो अपने स्टूडेंट्स की सफलता देखकर भीतर ही भीतर ईर्ष्या और द्वेष का भाव रखते हैं. समाज के लिए अभिशाप होते हैं वैसे टीचर्स, जो परिवारवाद और जातिवाद की भावना से भरे होते हैं और छात्र-छात्राओं की योग्यता के आधार पर नहीं अपितु, उनकी जाति, आर्थिक संपन्नता एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि के आधार पर उनके साथ खड़े होते हैं. बड़े ही मूर्ख होते हैं वे टीचर्स, जो अपने ही स्टूडेंट्स का अपमान करके गौरवान्वित होते हैं. तरस के पात्र हैं वे टीचर्स, जो अपने भीतर निहित नकारात्मक भावों के कारण अपने स्टूडेंट्स को स्वयं से अधिक आगे बढ़ने में मदद करने की जगह, उन्हें स्वयं से पीछे करने में जुटे रहते हैं.उन्हें इस बात की चिंता होती है कि कहीं मेरे स्टूडेंट्स मेरे समकक्ष न हो जायें, कहीं मेरे स्टूडेंट्स मेरे बगल की कुर्सी पर बैठने योग्य न हो जायें. उन्हें इस मधुर सत्य का आभास नहीं होता कि स्टूडेंट्स के रूप में वे ही स्वयं बैठे होते हैं अपने समीप. परमपिता परमेश्वर हमारे भविष्य को ऐसे महान गुरुजनों से बचायें.

You may have missed