6वीं लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा एवं पहले लोकसभा चुनाव में पड़े सबसे कम वोट
दिवाकर तिवारी ।
सासाराम। सासाराम लोकसभा के अबतक कुल सत्रह चुनाव हो चुके हैं। फिलहाल अठारहवीं की तैयारी चल रही है। लेकिन इन सभी लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा 1977 में हुए 6वीं लोकसभा के चुनाव में सासाराम क्षेत्र के मतदताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस चुनाव में सासाराम लोकसभा क्षेत्र में कुल 655030 मतदाता थे। जिनमे से 64.98 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। यह रिकाॅर्ड आज भी कायम है। सबसे बड़ी बात यह है कि 1977 के चुनाव में कुल तीन ही प्रत्याशी मैदान में थे। इस चुनाव में मतदाताओं ने जगजीवन राम पर अपना भरोसा जताया और कांग्रेस उम्मीदवार को जनता ने नकार दिया था। चुनाव विश्लेषकों की माने तो इंदिरा गाॅधी के 1975 में देश में आपातकाल लागू करने के फैसले से लोंग नाराज थे। इस नाराजगी का खामियाजा कांग्रेस को अगले चुनाव में भुगतना पड़ा था और इसका असर सासाराम लोक सभा क्षेत्र में भी पूरी तरह देखने को मिला। 1977 में हुए लोकसभा के चुनाव से पहले ही जगजीवन राम ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। वह बीएलडी पार्टी में शामिल हो गए थे। चुनाव में जगजीवन राम का सीधा मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार मुंगेरी लाल से हुआ और मुंगेरी लाल चुनाव हार गए। हालांकि मतदाताओ द्वारा सबसे कम वोटिंग करने का इतिहास 1952 में हुए पहले आम चुनाव का है। इस चुनाव मे कुल 697896 मतदाताओ में से मात्र 41.89 फीसदी मतदाता ही मतदान करने के लिए घर से निकले थे। तब सासाराम का वर्तमान लोकसभा क्षेत्र शाहाबाद दक्षिणी का हिस्सा था। अब एक बार फिर अठारहवीं लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। 1 जून को सासाराम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव होना है। देखना होगा कि इस बार के चुनाव में मतदाता 1977 के लोकसभा चुनाव के अपने रिकाॅर्ड को तोड़ पाते है या नही।
मतदाताओं की संख्या में ढ़ाई गुणा वृद्धि
पहले लोकसभा चुनाव से लेकर अठारहवीं लोकसभा तक मतदाताओं की संख्या मे ढ़ाई गुणा तक वृद्धि हो चुकी है। पहले लोकसभा चुनाव में शाहाबाद दक्षिणी में मतदाताओं की कुल संख्या 697896 थी। जो सत्रहवीं लोकसभा चुनाव तक बढ़कर लगभग 18 लाख के आसपास हो गई। देखा जाए तो करीब 72 साल के लोकतांत्रिक चुनाव में मतदाताओ की संख्या तो तेजी से बढ़ी, लेकिन मतदान प्रतिशत में बहुत ज्यादा इजाफा नही हुआ। इसके पीछे मतदाता जागरूकता का अभाव कारण माना जा रहा है।
लोकसभा- कुल मतदाता- मतदान का प्रतिशत
1. 1952- 697896- 41.89
2 .1957- 741808- 47.50
3. 1962- 416753-62. 83
4. 1967- 535908- 54.33
5. 1971- 612265- 52.62
6. 1977- 655030- 64.98
7. 1980- 751039- 52.08
8. 1984- 826286- 52.73
9. 1989- 965857- 55.71
10.1991- 976765- 49.18
11. 1996- 1138941- 52.44
12. 1998- 1144160- 59.69
13. 1999-1144324- 57.87
14. 2004- 1291237- 53.98
15. 2009- 1402789- 42.70
16. 2014- 1607747- 56.00
17. 2019- 1801123- 49.42