गर्मी के मौसम में शहरी एवं दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट के समाधान हेतु बैठक

मनोज कुमार ।

गया, समाहरणालय सभाकक्ष में जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने गया जिले में गर्मी के मौसम में शहरी एवं दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट के समाधान हेतु बैठक की गई। बैठक में मुख्य रूप से छुटे हुए बसावट में नल जल योजना के क्रियान्वयन की स्थिति, क्रियाशील नल जल योजना की स्थिति, अपूर्ण नल जल योजना की कार्य योजना एवं किसी भी सरकारी फंड से लगाए गए सार्वजनिक चापाकल जो वर्तमान में खराब है, उसकी सर्वे एवं मरम्मत की स्थिति पर विस्तार से समीक्षा की गई।इस वर्ष गर्मी के मौसम में किसी भी टोले में /कस्बे में पानी की कोई समस्या ना हो, इसके लिए अभी से ही माइक्रो लेवल पर सर्वेक्षण करवाने का निर्देश ज़िला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया है। डीएम ने पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया कि आज से ही एक सेल का गठन कर पेयजल का मोनिटरिंग करवाये।


नल जल योजना के संबंध में जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि पंचायत राज विभाग द्वारा निर्मित नल जल योजनाओं का सर्वेक्षण अपने सभी टी०ए० (टेक्निकल असिस्टेंट) के माध्यम से 20 मार्च तक हर हाल में करवा लें। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार जो भी बंद पड़ी योजना है, उसे तुरंत पीएचईडी मरम्मत कर चालू करवाये। साथ ही पीएचईडी विभाग की खुद की नल जल योजना का सर्वेक्षण खुद अपने अधीनस्थ पदाधिकारी एव कर्मियों से करवाते हुए फंक्शनल करवाये। मार्च अंतिम तक पीएचइडी सभी योजनाएं, सभी वार्डों में फंग्शनल बनाएं। पेयजल को इस गर्मी के मौसम के पहले ही दुरुस्त करा दे। इस गर्मी में कोसिस करे की किसी भी कस्बे में पानी की दिक्कत न हो।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर मोटर एवं मोटर स्टार्टर जलने की सूचना मिलती है, जिसके कारण पेजल बंद रहता है। उन्होंने निर्देश दिया कि इस गर्मी में पूरी तत्परता से छोटी-छोटी समस्याओं को मरम्मत करवाते हुए जलापूर्ति सुचारू रखें।
उन्होंने कहा कि जहां भी नल जल योजना का अधूरा काम हुआ है या आधा काम कर कर के संवेदक भाग गया है, वैसी योजनाओं पर विशेष ध्यान देते हुए संवेदक से सुनिश्चित करवाएं कि मार्च अंतिम तक कार्य पूर्ण कर ले।
जिला पदाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अपने स्तर से भी प्रत्येक सप्ताह पेयजल समस्या का समीक्षा करते रहें। डीएम ने कहा कि मैटेरियल की उपलब्धता, मैन पावर की उपलब्धता इत्यादि के साथ सभी पीएचईडी की सभी एजेंसी एक्टिव होकर संभावित जल संकट की समस्याओं पर काम करे।
जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जिले के सभी प्रखंडों में किसी भी सरकारी फंड से लगाए गए हो। सार्वजनिक चापाकलो जो वर्तमान में बंद पड़े हैं, उसकी सूची तैयार करे। सार्वजनिक बंद पड़े चापाकल का संरक्षण हेतु एक विशेष प्रकार का प्रपत्र तैयार किया गया है उसी विहित प्रपत्र में पूरी जानकारी भरकर के 25 मार्च तक हर हाल में प्रखंड विकास पदाधिकारी को उपलब्ध करवाएं। ताकि उसे मरामति पूरी की जा सके। सर्वेक्षण के कार्य मे विकास मित्र एव पंचायत सचिव को लगाकर गाँव वार टोला वार सरकारी चापाकलों का सर्वे करवाये।
उन्होंने निर्देश दिया कि चापाकल मरम्मति गैंग दल जब फील्ड में जाएंगे तो उस क्षेत्र के संबंधित मुखिया एवं वार्ड सदस्य को भी निश्चित तौर पर सूचित करेंगे कि उनके क्षेत्र में आज सार्वजनिक चापाकलो की मरम्मत की जा रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक चापाकल मरम्मत का सोशल ऑडिट भी उसी समय किया जाना है। चापाकल मरम्मत के बाद स्थानीय 2-4 लोगों से हस्ताक्षर एवं प्रमाण पत्र भी प्राप्त करना है, कि चापाकल को मरम्मत की गई है।
जिला पदाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता पीएचइडी को निर्देश दिया कि अपने अधीनस्थ सभी असिस्टेंट इंजीनियर जूनियर इंजीनियर तथा अन्य कर्मियों को पूरे जिम्मेदारी के साथ लगातार फील्ड में रखते हुए पेयजल समस्याओं को नजर रखें। इसके अलावा सरकारी विद्यालयों, महादलित बस्तियों/ टोलों, आंगनवाड़ी केंद्रों के समीप वाले चापाकलों को प्राथमिकता से सर्वे करवाते हुए मरामती करवाये।

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