स्वामी स ह जा नं द सरस्वती किसान- मजदूर के मसीहा थे _ कॉंग्रेस
मनोज कुमार ।
महान स्वतंत्रता सेनानी, भारत के कार्ल मार्क्स कहे जाने वाले, किसान- मजदूर के मसीहा स्वामी स ह जा नं द सरस्वती की 135 वीं जयंती गया के स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण मे कॉंग्रेस पार्टी के तत्वाधान मे मनाई गई।सर्वप्रथम स्वामी स ह जा नं द सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात् उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, कॉंग्रेस सेवा दल के प्रदेश महासचिव अमरजीत कुमार, जय प्रकाश नारायण मिश्रा, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, टिंकू गिरी, विनोद उपाध्याय, प्रद्युम्न दुबे, मोहम्मद समद, अशरफ इमाम, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम आदि ने कहा कि स्वामी स ह जा नं द सरस्वती का यह कथन की भगवान और रोटी दोनों बड़े है, परंतु रोटी भगवान से ज्यादा जरूरी है, तथा जो अन्न, वस्त्र उपजा ये गा, शासन वहीं चलाएगा, भारत देश उसी का है कानून वहीं बनाएगा , हमेशा प्रासंगिक था और रहेगा।
वामपंथी चिंतक इंजीनियरिंग मुरारी शर्मा ने कहा कि स्वामी जी जमींदारी उन्मूलन की नीव रखने, सभी जाती के विद्वान को पूजा पाठ कराने, मज़दूरों को उन्हें उचित मजदूरी दिलाने आदि के लिए आजीवन संघर्षरत रहे।
नेताओं ने कहा कि आज हम स्वामी जी के अनुयाइयों को इस बात का बेहद दुख है कि ऐसे महा मानव को सरकार भारतरत्न देने का काम नहीं किया।नेताओं ने गया शहर के वार्ड नंबर 53 में स्थित भू स न डा – सलेम पूर पाशु मेला ग्राउंड में स्वामी स ह जा नं द सरस्वती का आदम कद प्रतिमा स्थापित करने की पुरानी मांग को दुहराते हुए स्थापित करने की मांग राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन से किया है।