केंद्र की मोदी सरकार ने चंदे के धंधे को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी – कॉंग्रेस

मनोज कुमार,

बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, श्रवण पासवान, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम आदि ने कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से इलेक्ट्रो रल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने की तारीख बढ़ाने की अपील सुप्रीम कोर्ट में करके लोकसभा चुनाव से पहले असली चेहरे छिपाने का अंतिम प्रयास है।नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को इलेक्ट्रो लर बॉन्ड को अ संवैधानिक करार देते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से राजनीतिक पार्टियों को इलेक्ट्रो लर बॉन्ड के जरिए मिली धन राशि की जानकारी 06 मार्च तक चुनाव आयोग को देने को कहा था, परंतु स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट से इस समय सीमा को बढ़ा कर 30 जून करने की अपील की है, ताकि उस समय तक लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाये।


नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अत्यंत गंभीर मान ते हुए कहा था कि राजनीतिक पार्टियों को आर्थिक मदत से उसके बदले में कुछ और प्रबंध करने की व्यवस्था को बढावा मिल सकता है।नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग को आम जनता को जानकारी हेतु 31 मार्च तक इसे अपनी बेबसाइट पर जारी करनी थी।नेताओं ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंदे के धंधे को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्ट्रो लर बॉन्ड का सच जानने का देशवासियों का हक है, लेकिन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया क्यों चाहता है कि चुनाव से पहले ये जानकारी सार्वजानिक न हो पाए।नेताओं ने कहा कि भाजपा को विगत कई वर्षो में लगभग 5 से 6 हजार करोड़ रुपये इलेक्ट्रो लर बॉन्ड के जरिए मिली है, जिसकी जांच किसी भी हालात में मोदी सरकार लोकसभा चुनाव के पहले नहीं कराना चाहती है।

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