शिक्षा संवाद कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक के कार्य शैली पर उठाया सवाल

संतोष कुमार .

प्रखंड क्षेत्र के रजौली पूर्वी पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय नावाडीह में शिक्षा संवाद के दौरान ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक मुनिलाल की कार्य शैली पर सवाल उठाया है।ग्रामीणों व स्कूली छात्र छात्राओं ने प्रैक्टिकल में नंबर देने के नाम पर ढाई-ढाई सौ रुपये लेने का आरोप लगाया है।जिला कस्तूरबा संभाग प्रभारी राजेश कुमार झा की मौजूदगी में उत्क्रमित उच्च विद्यालय सह उत्क्रमित मध्य विद्यालय नावाडीह के प्रांगण में बच्चों एवं अभिभावकों के बीच संवाद स्थापित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि को छात्राओं ने स्वागत गान गाकर एवं गुलदस्ता देकर स्वागत किया।


संवाद कार्यक्रम में जिला कस्तूरबा संभाग प्रभारी ने शिक्षा विभाग के द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी एवं बीपीएससी के द्वारा चयनित शिक्षकों से परिचय प्राप्त की। नए शिक्षक मिलने पर बच्चे व अभिभावक उत्साहित थे।संवाद कार्यक्रम के दौरान उत्क्रमित उच्च विद्यालय सह उत्क्रमित मध्य विद्यालय नावाडीह के प्रधानाध्यापक मुनिलाल की कार्य शैली पर ग्रामीणों व शिक्षा समिति सदस्यों ने सवाल उठाये हैं। शिक्षा संवाद के दौरान ग्रामीणों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के नाम आवेदन जिला कस्तूरबा संभाग प्रभारी राजेश कुमार को सौंपी है। शिक्षा समिति के सचिव रंजू कुमारी मुस्कान एवं ग्रामीण सुरजीत कुमार,मिथिलेश प्रसाद, छोटे लाल यादव, मनीष कुमार, कुंदन कुमार, प्रिंस कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण एक जुट होकर आवेदन दिए। शिक्षा समिति सदस्यों ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक पर विद्यालय के विकास राशि एवं मध्यान्ह भोजन में अनियमितता तथा बच्चों के भ्रमण की राशि की गवन करने का आरोप लगाया। जिसको लेकर पूर्व में भी जिला शिक्षा पदाधिकारी,अनुमंडल पदाधिकारी रजौली एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी रजौली को आवेदन दे चुके हैं। लेकिन उनके द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार के द्वारा विद्यालय में बेंच खरीदने एवं कुर्सी खरीदने को लेकर राशि आई थी। जिसकी निकासी कर पैसा हजम कर लिया गया है और शिकायत करने पर प्रधानाध्यापक के द्वारा शिक्षा समिति भंग करने धमकी भी दी जा रही है। ग्रामीण ने एकजुट होकर कारवाई के साथ वर्तमान प्रधानाध्यापक की स्थानांतरण करने की मांग की है।जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल हो और उन्हें सरकार के समुचित योजनाओं का लाभ मिले।इस संबंध में जिला शिक्षा कस्तूरबा संभाग प्रभारी ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा शिकायत करने की साथ – साथ आवेदन दिया गया है।आवेदन पत्र को जिला शिक्षा पदाधिकारी को अग्रतर कार्रवाई के लिए सौंप दी जाएगी।