17 सूत्री मांगों के समर्थन में सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता कार्यालय के समक्ष किया धरना

विश्वनाथ आनंद.
औरंगाबाद (बिहार )- सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता कार्यालय दाउदनगर के समक्ष 17 सूत्री मांगों को लेकर मौसमी दैनिक वेतन भोगी कर्मियों ने धरना प्रदर्शन किया. बताते चलें कि दैनिक वेतन भोगी सिंचाई विभाग,कार्यपालक अभियंता कार्यालय,दाउदनगर के समक्ष विभाग से जुड़े मौसमी-दैनिक-वेतनभोगी कर्मियों ने अपनी सेवा की नियमितीकरण,विगत जून-2023 से लेकर अक्टूबर- 2023 तक के बकाए वेतन का भुगतान शीघ्र करने,सेवा का नियमितीकरण होने तक सालों भर काम देने,इत्यादि अपनी 17- सूत्री मांगों के समर्थन में दोपहर में जोरदार प्रदर्शन किया .तथा कार्यालय के समक्ष अपनी मांगों के सन्दर्भ में जमकर नारेबाजी की . आज सबसे पहले मौसमी कर्मियों के प्रमंडलीय कमिटी के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार एवं कोषाध्यक्ष रविशंकर कुमार के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल सिंचाई प्रमंडलीय कार्यालय,दाऊदनगर में कार्यपालक अभियंता से बातचीत करने पहुंचा.

उनके आने के बाद बड़ी संख्या में अन्य मौसमी-कर्मी भी अपनी प्रमंडलीय कमिटी के विगत 14 जनवरी 2024 की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में आज दोपहर करीब 12:00 बजे कार्यपालक अभियंता से होने वाली शिष्टमंडल वार्ता का हाल देखने-जानने के लिए धीरे-धीरे उनके कार्यालय के समक्ष जमा हो गए. जब वहां उन्होंने देखा कि कार्यपालक अभियंता अपने कार्यालय-कक्ष में मौजूद नहीं हैं .तथा उनकी जगह वार्ता करने के लिए कोई अन्य पदाधिकारी भी उपलब्ध नहीं हैं तो सभी आक्रोशित मौसमी-कर्मियों ने वहां अपना प्रदर्शन एवं नारेबाजी शुरू कर दी .आज के इस प्रदर्शन का नेतृत्व दाऊदनगर सिंचाई प्रमंडलीय कमिटी के अध्यक्ष- रविन्द्र कुमार,संघ के राज्याध्यक्ष- जयराम सिंह तथा कोषाध्यक्ष- रविशंकर कुमार ने किया .इनके अलावा इस प्रदर्शन में संघ के उपाध्यक्ष- छठन राम, पुनदेव यादव,प्रेमशंकर,छोटन बैठा,चंद्रमा सिंह,विजय चौधरी,सुदामा सिंह, ललन यादव, जयप्रकाश राम,बबन यादव,कमलेश प्रसाद,मेवालाल, हरिनंदन पासवान,जुगल सिंह,छोटन बैठा, महेन्द्र सिंह, धीरेन्द्र सिंह, सत्येन्द्र पासवान,इत्यादि बड़ी संख्या में अन्य मौसमी कर्मी भी इस प्रदर्शन में शामिल रहे .अन्त में आक्रोशित मौसमी कर्मियों ने वहीं पर एक संक्षिप्त सभा कर यह निर्णय लिया कि अब चुप नहीं रहा जाएगा तथा आगे सेवा की नियमितीकरण करने ; विगत जून- 2023 से लेकर अक्टूबर- 2023 तक के बकाए वेतन का भुगतान शीघ्र करने तथा अन्य सत्रह-सूत्री मांगों के समर्थन में अब इससे भी ज्यादा जुझारू संघर्ष शुरू किया जाएगा. जिसकी सारी जवाबदेही यहां के स्थानीय पदाधिकारियों की होगी.