द डिवाइन पब्लिक स्कूल के नन्हे वैज्ञानिकों ने अपने प्रतिभा से किया सबको हैरान
चंद्रमोहन चौधरी.
द डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रांगण में विज्ञान और कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें नन्हें वैज्ञानिकों ने अपनी प्रतिभा से सबको हैरत में डाल दिया। कार्यक्रम का उद्घाटन अधीनस्थ न्यायाधीश, बिक्रमगंज संजय सिन्हा ने दीप प्रज्ज्वलित करके तथा गुब्बारे उड़ाकर किया। इस अवसर पर उनके साथ द डीपीएस के सह निदेशक अखिलेश कुमार, आईआईटीएन अमितेश्वर आनंद एवं रिबेल स्पोकन इंग्लिश के संचालक आलोक कुमार ने मंच साझा किया। अपने संबोधन में संजय कुमार ने सभी प्रतिभागियों के कौशल की खूब सराहना की। उन्होंने विज्ञान की महत्ता बताते हुए विद्यालय प्रबंधन को साधुवाद दिया। कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बालकों के अंदर वैज्ञानिक चिंतन को बढ़ावा देने का अवसर प्राप्त हो रहा है। विद्यालय के एक नन्हें विद्यार्थी ने गीता पाठ किया।
उसे सुनकर मुख्य अतिथि ने कहा कि इस विद्यालय में मैं विज्ञान और कला के साथ-साथ आध्यात्म का भी संगम देख रहा हूँ। वैसे तो सभी प्रतिभागियों ने एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट बनाया फिर भी कुछ प्रोजेक्ट को प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।नर्मदा हाउस के छात्र शुभांशु, पवन, रवि प्रकाश, सोनू मिश्र इत्यादि के द्वारा राम मंदिर का डिज़ाइन तैयार किया गया था। इस प्रोजेक्ट को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। टीम गंगा के प्रोजेक्ट “जीएसएलवी-3” को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। इस प्रोजेक्ट को सिंघवी श्री, दिव्यांका, आरजू, अनन्या, सिमरन और कुमार दुष्यंत की टीम ने तैयार किया। यमुना हाउस के प्रोजेक्ट को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इस हाउस के प्रोजेक्ट “चंद्रयान-3,विक्रम लैंडर, प्रज्ञान ग्रोवर” को आयुष, ईशु, तस्लीम, सोनू और शोएब के ग्रुप ने तैयार किया। इनके अलावा विज्ञान और कला से संबंधित कुछ अन्य परियोजनाओं को भी सराहा गया।सानिया खान, राजश्री, ज़ोया फिरदौस और अंकिता कुमारी द्वारा बनाये गए शेरशाह के मकबरे को दर्शकों ने खूब सराहा। सरस्वती हाउस के कृष, विवेक और गौरव द्वारा प्रदर्शित चंद्रयान को भी खूब वाहवाही मिली। 3 डी प्रोग्राम प्रोजेक्ट जो कि चंदन, आदर्श, अंश और अंकित के ग्रुप ने तैयार किया। उसने भी दर्शकों का ध्यान आकृष्ट किया। भावना, अभया, सिन्नु और शाम्बवी के साइंस हैक प्रोजेक्ट को भी सराहा गया।आराध्या, पदक और अनु द्वारा निर्मित होम डेकोरेशन स्टेम को भी खूब वाहवाही मिली। एक अनाथ बालक पंकज केशरी ने विद्यालय के सह निदेशक अखिलेश कुमार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए अपने मनोभाव को लेखनी बद्ध किया, उसे पढ़कर अभिभावक भावुक हो गए। विद्यालय के सह निदेशक अखिलेश कुमार ने बताया कि व्यवस्थित ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। जिस समय से विद्यालय की नींव रखी गई है, उसी समय से शिक्षा का बेहतरीन संचार और व्यावहारिक परीक्षण का सामंजस्य और अन्य कलाओं का ध्यान रखा गया है, ताकि बच्चे जिस क्षेत्र में अपनी कला की चमक बिखेरना चाहें जा सकते हैं।छात्रों के अंदर वैज्ञानिक चिंतन को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार का आयोजन किया जाता है। आशा है आज के कार्यक्रम से छात्र लाभान्वित होंगे। प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं द्वारा फ़ूड स्टॉल भी लगाया गया था। पूरे विद्यालय परिसर में उत्सव का माहौल रहा।