गरीबों पर भारी पड़ रही हैं सर्द रातें, पछुआ हवा ने बढ़ाई कनकनी
दिवाकर तिवारी ।
रोहतास। जिले में शीतलहर एवं कोहरे ने आम लोगों को सताना शुरू कर दिया है। कड़ाके की ठंड में सबसे ज्यादा परेशानी बेघर गरीब एवं ऑटो व रिक्शा चालकों को है। जो सुविधाओं के अभाव में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। बता दें कि बीते तीन-चार दिनों से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है जिससे ठिठुरन बढ़ गई है। ऐसे में खासकर रात्रि में सड़कों पर ऑटो एवं रिक्शा चालकों के साथ-साथ गरीब तबके के लोगों को रात बिताने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इधर पछुआ हवा के चलने से दिन के उजाले में भी हवा में काफी कनकनी महसूस हो रही है और रात्रि में बिना अलाव के सड़कों पर रहना मुश्किल हो रहा है। लेकिन इन सब के बावजूद नगर निगम सासाराम द्वारा ठंड से बचाव को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं। शहर में ज्यादातर स्थानों पर अलाव नहीं जल रहे हैं तथा कुछ स्थानों पर लोग आपसी सहयोग से अलाव जलाकर ठंड से निजात पाने का प्रयास करते दिखाई पड़ते हैं। इसी क्रम में सासाराम रेलवे स्टेशन का जब हाल जानने का प्रयास किया गया तो ऑटो चालकों ने बताया कि नगर निगम द्वारा सिर्फ एक दिन दो-चार लकड़ियां उपलब्ध कराई गई थी। जो आधे घंटे भी नहीं जल सकी। उसके बाद कभी भी लकड़ी उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके कारण हम लोग इधर-उधर से लकड़ी, गत्ते व कागज चुनकर जलाते हैं और इसी तरह रात का गुजारा होता है। जबकि भीख मांग कर स्टेशन एवं मंदिर-मस्जिद के बाहर गुजारा करने वाले लोगों की स्थिति और भी दयनीय है। हालांकि समय-समय पर विभिन्न सामाजिक संगठन एवं नगर निगम द्वारा गरीब लोगों के बीच कंबल वितरण किया जाता है। लेकिन कड़ाके की ठंड में गरीबों को कंबल के सहारे रात बिताने में भी परेशानी हो रही है।
वहीं इस संदर्भ में जब नगर आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि सफाई एजेंसी को जगह-जगह अलाव की व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिया गया है तथा वर्तमान में शहर के 12 स्थलों को चिन्हित कर अलाव की व्यवस्था की जा रही है। अगर ठंड ज्यादा बढ़ती है तो अन्य स्थानों पर भी अलाव का व्यवस्था किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए नगर निगम द्वारा दो रैन बसेरा संचालित किए गए हैं। जहां आश्रयविहीन लोग निःशुल्क रह सकते हैं। इसके अलावा नगर निगम बोर्ड द्वारा कंबल क्रय करने का निर्णय लिया गया है। जैसे ही कंबल उपलब्ध होते हैं लोगों में वितरित किया जाएगा।