डॉ कुमार के साथ विद्यालयों की बैठक में उठा मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा, लेकिन पत्रकार को धोखा कब तक पूर्व मंत्री जी

धीरज ।

गया अतिथि गृह में पूर्व कृषि मंत्री सह नगर विधायक डॉ प्रेम कुमार की अध्यक्षता में विभिन्न विद्यालयों की बैठक आहूत हुई। आज कि बैठक में विद्यालयों का स्तर एवं गुणवत्ता बढ़ाने पर विशेष चर्चा हुई। विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने डॉक्टर कुमार के प्रति आभार जताते हुए बोले की विद्यालयों का विकास डॉ कुमार की प्रथम वरीयता रही है। उन्होंने विद्यालयों की वर्तमान आवश्यकताओं से डॉक्टर कुमार को अवगत कराया जिसमें विद्यालय में चाहार दिवारी, अतिरिक्त कमरा, शौचालय, पेयजल, पुस्तकालय, लैब, कंप्यूटर, खेल सामग्री इत्यादि मुख्य थे।इस बैठक में प्राप्त कुल 15 विद्यालयों की आवश्यकता पत्र में वन माली कन्या प्लस टू उच्च विद्यालय, रामचंद्र प्लस टू उच्च विद्यालय, वर्धा प्लस टू उच्च विद्यालय, शाहिद उच्च विद्यालय, आर आर अशोक प्लस टू उच्च विद्यालय, चंद्रशेखर प्लस टू उच्च विद्यालय, गौरी कन्या प्लस टू उच्च विद्यालय, मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय, उत्क्रमित राजेंद्र प्लस टू उच्च विद्यालय, अनुग्रह कन्या प्लस टू उच्च विद्यालय, महावीर इंटर विद्यालय, हरिदास सेमिनरी, प्लस टू चंदौती उच्च विद्यालय, नवस्थापित प्लस टू उच्च विद्यालय थे तथा साथ में कनीय अभियंता मुशीद आलम एवम सहायक अभियंता सुरेश चौधरी भी उपस्थित रहे। +2 गया उच्च विद्यालय, हरानचंद उच्च विद्यालय, मारवाड़ी उच्च विद्यालय एवं अन्य विद्यालयों के प्रभारी एवं प्रतिनिधि ने विद्यालय की आवश्यकता एवं समस्याओं पर प्रकाश डालें। डॉ कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए उपस्थित प्रतिनिधियों एवं प्रभारी को बताएं कि जो भी प्रस्ताव प्राप्त हुआ है विद्यालय के विकास से संबंधित, वह जिला शिक्षा पदाधिकारी को अनुशंसा कर प्राक्कलन हेतु तकनीकी स्वीकृति देते हुए प्रशासनिक स्वीकृति के लिए अनुशंसा किया जाएगा। साथ ही साथ उपस्थित अभियंताओं को निर्देश दिया गया की एक सप्ताह के अंदर में विद्यालयों के विकास संबंधित प्राप्त प्रस्तावों पर प्राक्कलन तैयार कर तकनीकी स्वीकृति देते हुए प्रशासनिक स्वीकृति के लिए कार्रवाई की जाए। डॉ कुमार ने विद्यालयों में कमरों का अभाव, खेल के मैदान की कमी, लैब, लाइब्रेरी जैसे मूलभूत सुविधाओं की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए बिहार सरकार से सारी कमियों को अविलंब आपूर्ति करने की मांग करते हुए कहा की बच्चों के बौद्धिक, शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं का ना होना अत्यंत ही चिंताजनक विषय है। शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद बच्चों का मौलिक अधिकार है जिस पर बिहार सरकार को प्रथम वरीयता पर ध्यान देते हुए आवश्यकताओं को जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए।

You may have missed