रजिस्ट्रेशन शुल्क ज्यादा लेने पर भड़की छात्राएं, जमकर काटा बवाल

दिवाकर तिवारी,

रोहतास। जिले के नासरीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मेदनीपुर गांव स्थित वीर कुंवर सिंह महिला कॉलेज काशी मेदनीपुर की छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में एक हजार रुपए कॉलेज प्रशासन के द्वारा लिए जाने पर सड़क पर उतर जमकर विरोध किया। इस दौरान छात्राओं ने मनमाने ढंग से फीस वसूलना बंद करें, कॉलेज की व्यवस्था में सुधार लाए, कॉलेज प्रशासन अपनी मनमानी बंद करें सहित अन्य नारे लगाई। छात्राओं के विरोध करने पर कॉलेज प्रशासन ने तुरंत रजिस्ट्रेशन फीस माफ करते हुए निःशुल्क करने का निर्णय लिया और जिन छात्राओं से रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में पूर्व में राशि लिया गया था उन छात्राओं को वापस भी किया गया। कॉलेज प्रशासन के इस निर्णय के बाद छात्राओं ने हंगामा बंद की। छात्रा अंशा कुमारी, अंशु कुमारी, श्रुति कुमारी, खुशी सोनी, बेबी कुमारी, अफसाना खातून, संजीदा खातून, वाजदा प्रवीण ने बताई की कॉलेज के द्वारा रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में मनमाने ढंग से एक हजार रुपया वसूला जा रहा है। जब हमलोग इसका विरोध किए तो प्राचार्य के द्वारा रजिस्ट्रेशन फीस माफ करते हुए निःशुल्क कर दिया गया और हमलोगो से प्राचार्य ने कहा कि परीक्षा में आपलोग अपने पास से परीक्षा देने के लिए कॉपी खरीद कर लाइएगा और परीक्षा दीजिएगा। कॉलेज के द्वारा ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिख दिया जाएगा। कॉलेज के वर्ग कक्ष में पंखा, बेंच डेस्क व कॉलेज में पढ़ने आने वाली छात्राओं के लिए पानी, शौचालय व साफ सफाई की भी स्थिति बद से बदतर हैं। हमलोग काफी दूर से कॉलेज में पढ़ने के लिए आते है लेकिन कॉलेज में पढ़ाई भी अच्छे से नही होती है। कॉलेज में उर्दू विषय के शिक्षक नही है जिसके कारण हमलोगो को उर्दू की पढ़ाई नही होती है। उर्दू विषय की परीक्षा घर से देने की बात हमारे प्राचार्य हमलोगो से कहते है। कॉलेज में विषयवार शिक्षक भी नही है। कॉलेज के कुछ शिक्षको के द्रारा हमलोगो को गाली भी दिया जाता है। कॉलेज के कैंपस में घास भी उगा हुआ है जिसके कारण कीड़े मकोड़े व साप बिच्छू काटने का डर हमलोगो में बना रहता है। छात्राओ ने प्राचार्य को घेर परीक्षा में कॉपी और प्रश्न पत्र देने की मांग भी की। इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि छात्राओं के द्वारा जो भी आरोप लगाया गया है ओ बिलकुल ही निराधार व बेबुनियाद है। जहां तक रजिस्ट्रेशन फीस लेने की बात है ओ सत्य है कि छात्राओं से रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में एक एक हजार रुपया लिया जा रहा था क्योंकि मेरे यहां न शासी निकाय है ना तादर्थ्य समिति है। ऐसे में परीक्षा लेने के लिए कहा से कॉपी लाएंगे, पैसा नही रहेगा तो कैसे प्रश्न पत्र बनेगा। इसलिए कॉलेज के शिक्षको के साथ बैठक कर कॉलेज प्रशासन के द्वारा छात्राओं से रजिस्ट्रेशन फीस लेने का निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय के द्वारा हमारे कॉलेज को कोई फंड नही मिल रहा है। हमारे पास कोई कमिटी भी नही है तो कॉलेज कहा से परीक्षा का कॉपी लाएगी। इस लिए छात्राओं से परीक्षा के समय कॉपी लाने की बात कही गई है। जहां तक शिक्षकों के द्वारा गाली देने की बात है तो सारा सर गलत आरोप है। साफ सफाई का जहाँ सवाल है वो निरंतर होते रहता है। हमारे यहां मैनेजमेंट नही होने के कारण बेंच डेस्क सहित बहुत सी परेशानियां उतपन्न होती है। तीन वर्षों से शासी निकाय नही हुई है। जिसके कारण कॉलेज को व्यवस्था करने में दिक्कत हो रही है। जो व्यवस्था हमारे यहां है उसी में काम चल रहा है।

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