28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक कुल 17 दिवसीय चलने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का समापन किया गया
मनोज कुमार ।
गया । इस वर्ष 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक कुल 17 दिवसीय चलने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का समापन किया गया। इस वर्ष का पितृपक्ष मेला काफी ऐतिहासिक मेला साबित हुआ है। प्रशासन की ओर से लगभग 5 महीना पहले से ही पितृपक्ष मेला के सफल आयोजन के लिए हर स्तर पर तैयारी की गई थी, जिसका परिणाम रहा कि पितृपक्ष मेला में लाखों लाख आए तीर्थ यात्री ने सरकार एवं प्रशासन को काफी ज्यादा सराहा गया है। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा डग डग पर तीर्थ यात्रियों को पूरी मदद सेवा भाव समर्पण के साथ उनका सहयोग देने का कार्य किया गया है।पितृपक्ष मेला 2023 के समापन समारोह पर ज़िला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने तमाम पदाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, सफाई कर्मियों, स्वयं सेवी संस्थानों, समाजसेवियों, ncc के बच्चे, स्काउट गाइड के बच्चे, नेहरू युवा केन्द्र के वोलेंटियर, विभिन्न मीडिया हाउस के प्रतिनिधियों सहित अन्य सभी लोगो के साथ साथ गया ज़िला वासियों को इस वर्ष पितृपक्ष मेला को ऐतिहासिक बनाने, स्मरणीय बनाने तथा यादगार बनाने के साथ साथ सफल बनाने में जो कार्य किया है, उसे लेकर सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का मेला सालो साल इतिहास के रूप में याद किया जाएगा। देश विदेश से आए पिंडदानी गया जिला के साथ-साथ बिहार का अच्छा छवि लेकर घर वापस लौटे। सभी यात्रियों ने इस वर्ष के मेले की व्यवस्थाओं से काफी खुस दिखे और बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों को धन्यवाद भी दिया।
पितृपक्ष मेला के अवसर पर 15 लाख से अधिक तीर्थयात्री गया जी आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान किया है साथ ही लगभग 45 से अधिक विदेशी पिंडदानी जो अमेरिका, रसिया, फ्रांस एवं जर्मनी से आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान किए हैं। विदेशी पिंडदानी ने भी कहा कि जिस फल्गु नदी में पानी नहीं होती थी, वहां अब लबालब पानी देखने को मिल रहा है। गया जी डैम बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र इस वर्ष बना है। सरकार एवं माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुरूप ऐसा बना है। पहले पिंडदानी गड्ढा खोदकर पानी निकालकर तर्पण करते थे। अभी लबालब पानी मे यात्री तर्पण कर काफी संतुष्ट हो रहे हैं। फल्गु नदी में लबालब पानी को देखकर सरकार एवं स्थानीय जिला प्रशासन को काफी सराहना किया है कि हम सभी तीर्थ यात्रियों के लिए गया जी डैम का निर्माण कर सालों भर पानी उपलब्ध करवाने का कार्य काफी सराहनीय कार्य किया गया है।इसके अलावा इस वर्ष पहली बार टेंट सिटी में रहने वाले तीर्थ यात्रियों को पीने के लिए गंगा जल भी उपलब्ध कराया गया है साथ ही विष्णु पद मंदिर के समीप प्याऊ तथा देवघाट एवं सीता कुंड में प्याऊ के माध्यम से आए हुए सभी तीर्थ यात्रियों को गंगाजल पिलाने का कार्य* बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा किया गया था, इस व्यवस्था को लेकर देश-विदेश से आए सभी तीर्थ यात्रियों ने काफी सराहा है।
पितृपक्ष मेला के अवसर पर गांधी मैदान में बनाए गए टेंट सिटी में तीर्थ यात्रियों को निशुल्क सभी व्यवस्था उपलब्ध करवाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हुई है। यहां जो भी पिंडदानी रहने आए उन सभी ने सरकार एवं प्रशासन का सराहना किया है। टेंट सिटी में जीविका दीदियों द्वारा लगाए गए स्टॉल, सुधा तथा हर दिन संध्या में भजन कीर्तन इत्यादि का काफी आनंद सभी ने लिया है। *टेंट सिटी में लगभग 12000 से ऊपर तीर्थ यात्रियों ने आवासन किया है।
विगत कोरोना काल के बाद मेला का स्वरूप में बड़ी बदलाव हुई है। तीर्थ यात्रियों को जगह-जगह पर निशुल्क ई रिक्शा की व्यवस्था रखकर उन्हें यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई। विशेष रूप से विष्णुपद मंदिर से चांद चौराहा एवं विष्णुपद मंदिर से बंगाली आश्रम तक नो व्हीकल जोन बनाकर यात्रियों के लिए पर्याप्त संख्या में ई रिक्शा की व्यवस्था रखी गई। इस व्यवस्था को लेकर सभी तीर्थ यात्रियों ने काफी सराहा है एवं भरपूर ई रिक्शा का प्रयोग किया है।
लगभग 3 लाख 10 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने निःशुल्क ई रिक्शा का लाभ लिया है।मंदिर परिसर में यात्री अच्छे तरीके से भगवान का दर्शन करें इसके लिए क्यू- सिस्टम बनाकर यात्रियों को कतारबद्ध रूप से गर्वगृह में प्रवेश करवाया गया, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति को भी पूरी तरह रोका गया। अब शतप्रतिशत तीर्थयात्री भगवान का दर्शन कर पा रहे हैं। क्यू- सिस्टम बनने से कोई भी श्रद्धालु भगवान के दर्शन से वंचित नहीं रह पाये और भगदड़ की जैसी भी कोई स्थिति उत्पन्न नहीं हुई।