आरटीआई दिवस के अवसर पर आम लोगों से आरटीआई कानून के उपयोग करने का अनुरोध-मुकुंद प्रकाश मिश्रा

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गजेंद्र कुमार सिंह ।

शिवहर—– जिले में सबसे ज्यादा पेंडिंग मामला सरकारी पैसे का दुरुपयोग इत्यादि सूचना का अधिकार से मांगने वाला मुकुंद प्रकाश ने बताया, देश में 12 अक्टूबर को आरटीआई दिवस मनाया जाता है । आज आरटीआई दिवस के अवसर पर आरटीआई कार्यकर्ता मुकुन्द प्रकाश मिश्र ने आम लोगों से आरटीआई कानून का अधिक से अधिक सद्उपयोग करने का किया अनुरोध किया ।कहा सूचना का अधिकार कानून ने आम आदमी के हाथ को मजबूत किया है । आरटीआई के उपयोग से कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं ।कहा सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की मूल प्रस्तावना में ही कहा गया है कि ‘सूचित नागरिकता’ व ‘सूचना की पारदर्शिता’ प्रभावी लोकतंत्र हेतु इसलिए अपेक्षित है क्योंकि इससे प्रशासन में भ्रष्टाचार को मिटाते हुए अधिक उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य संचालित हो सकेंगे ।


आरटीआई कार्यकर्ता मुकुन्द प्रकाश मिश्र ने कहा कि जब लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में हर तरफ लूट और भ्रष्टाचार नजर आए । शासक निर्लज्ज और अहंकारी बन जाए । इंसाफ मृग मरीचिका बन जाए ताकतवर लोग अपराधी की मदद करने लगे न्यायिक व्यवस्था साक्ष्य के अभाव में बाहुबली तथा अपराधियों के सामने बेबस नजर आए । जनता भष्टतंत्र के आगे लाचार हो जाए तो देश का जनमानस इंतजार करता है ऐसे कानून का जो देश की शासन प्रणाली को पारदर्शी बनाने के साथ-साथ जनता में लोकतंत्र के जीवित होने का एहसास कराती रहे ।लंबे संघर्ष तथा आजादी के करीब 58 साल के बाद शासन प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए 12 अक्टूबर 2005 को एक मसीहा रूपी कानून जिसका नाम सूचना का अधिकार है बना । इस कानून ने आम आदमी के उस आवाज को ताकत दी जो अब तक किसी सरकारी फाइलों में धूल फाँकती थी या फिर हमेशा के लिए दब जाती थी । इस कानून ने आम आदमी के हाथ में ऐसा शक्ति दे दिया है जिससे वह कार्यपालिका विधायिका तथा न्यायपालिका के भ्रष्टाचार का आसानी से पर्दाफाश कर सके ।भारत में आजादी के छह दशकों में पहली बार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सामूहिक जन चेतना विकसित हुई है इस जन-चेतना के विकास में सूचना के अधिकार कानून का बहुत बड़ा योगदान है कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि सूचना के अधिकार कानून ने भारत के कुलीन तथा भ्रष्ट शासक वर्ग जिसमें राजनेता के साथ-साथ नौकरशाह भी आते हैं में हड़कंप मचा दिया है इतना ही नहीं यह कानून भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण में युगांतकारी भूमिका निभा रहा है ।