साहित्य महापरिषद गया के द्वारा जाने -माने साहित्यकार गोवर्धन प्रसाद ‘सदय’की जगजीवन कॉलेज मानपुर के सभागार में मनाई गई जयंती

विश्वनाथ आनंद ।
गया (बिहार )- साहित्य महापरिषद् ,गया द्वारा जाने-माने साहित्यकार गोवर्द्धन प्रसाद ‘सदय’ की जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन जगजीवन काॅलेज, मानपुर के सभागार में किया गया .कार्यक्रम की शुरुआत सदय जी के चित्र पर माल्यार्पण से किया गया .यह कार्यक्रम चार सत्रों में संपन्न हुआ.प्रथम सत्र में इस वर्ष का गोवर्द्धन प्रसाद सदय स्मृति सम्मान अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध रसायनशास्त्र के प्रोफेसर, मुंगेर विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति व हिन्दी साहित्य के अनुरागी प्रो रंजीत कुमार वर्मा को प्रदान किया गया. दूसरे सत्र में साहित्य महापरिषद् की त्रैमासिक पत्रिका ‘सहयात्री’ के नवीनतम अंक का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया.इस अवसर पर पत्रिका के संपादक कुमार कान्त, प्रबंध संपादक राजीव रंजन, उप संपादक वंदना वीथिका को भी सम्मानित किया गया.

इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ एवं साहित्य प्रेमी डाॅ अभय सिम्बा तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रभारी प्राचार्य प्रो दीनानाथ,डाॅ विवेकानन्द मिश्र, रेणुका पालित उपस्थित थीं.तीसरे सत्र में सदय की प्रसिद्ध कृति ‘ रामाख्यान’ के महाकाव्यत्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए डाॅ रामसिंहासन सिंह ने विभिन्न उदारहरणों के साथ स्पष्ट किया कि रामाख्यान महाकाव्य के सभी प्रतिमानों पर 24कैरेट खरा उतरता है .बाकी विद्वान वक्ताओं ने इसे विशिष्ट महाकाव्य बतलाया .चौथे सत्र में प्रो उमानाथ सिंह ने सदय जी के व्यक्तित्व और कृतित्व के सांगोपांग वर्णन करती बहुत ही सुंदर कविता पेश कर कवि-सम्मेलन की शुरुआत की. फिर डाॅ सुल्तान अहमद, गजेन्द्र लाल अधीर, राजेन्द्र कुमार, फिरदौस गयाबी, मिथिलेश मिश्र ‘दर्द ‘ , कुमार कान्त, वंदना वीथिका, कुमार कान्त, अरविन्द कुमार, राजीव रंजन सहित एक दर्जन से ज्यादा कवियों एवं शायरों ने अपनी रचनाओं से खूब समां बाँधा. रंजीत पाठक ,पवन मिश्रा, नीरज वर्मा ,दीपक पाठक, अजीत सिंह के अलावा कार्यक्रम मे बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं में प्रसिद्ध समाज सेवी जिला परिषद सदस्य अंजू देवी, कविता राऊत, किरण पाठक, नीलम पासवान ,नीतू मदान ,रीमा देवी ,सरिता देवी गुड़िया कुमारी, संगीता ,पियूषा गुप्ता आदि उल्लेखनीय थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ.रामसिंहासन सिंह ने किया. वहीं संचालन राजीव रंजन ने की एवं धन्यवाद ज्ञापन आरोही जी द्वारा किया गया .