तीन माह से वेतन भुगतान नहीं होने पर शिक्षकेत्तर कर्मियों में नाराजगी, आंदोलन के मूड में
चंद्रमोहन चौधरी,
बिक्रमगंज- जून से लेकर अगस्त 2023 का वेतन भुगतान अब तक नहीं होने नाराज एएस कालेज के कर्मी अब आंदोलन के मूड में हैं। ज्ञातव्य हो तीन माह से कर्मियों को वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। कई कर्मी इस अवधि में कर्जदारों से कर्ज लेकर किसी तरह से परिवार का पोषण कर रहे हैं। यह स्थिति राज भवन और बिहार के शिक्षा मंत्रालय के बीच अपनी अपनी शक्तियों को लेकर उत्पन्न विवाद के कारण उत्पन्न हुई है। बिहार शिक्षा विभाग के विशेष सचिव के के पाठक साहब ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के कुलपति और कुलसचिव का वित्तीय अधिकार सीज कर दिया। उसके बाद महामहिम राज्यपाल ने उनके पत्र को रद्द करते हुए हिदायत दी कि आप राजभवन की शक्तियों में अतिक्रमण न करें। इसके बावजूद भी वे नहीं माने और अपनी जिद पर अड़े रहे। वेतन की राशि विश्वविद्यालय के पीएल खाते में आ चुकी है। सभी कॉलेज से तीन माह का वेतन विपत्र भी मांग लिया गया है। इसके बावजूद आज तक वेतन भुगतान नहीं हुआ। माननीय कुलपति इस पशोपेश में हैं कि राज्य सरकार का आदेश माने या महामहिम का। राज्य सरकार का कहना है कि सरकार जब 7 विश्विद्यालय को हजारों करोड़ हर साल देती है तो उसे कार्रवाई का अधिकार क्यों और कैसे नहीं है ? शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा प्रक्षेत्र के सचिव अक्षय कुमार प्यारे ने बताया कि दो महकमे की लड़ाई में कर्मी पीस रहे हैं। कहते है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार का प्रयास सराहनीय है। लेकिन इसकी आड़ में और मूँछों की लड़ाई में कर्मियों का वेतन भुगतान प्रभावित होना सही नहीं है। कर्मियों का परिवार वेतन पर निर्भर है। बच्चों का स्कूल फीस, रोजमर्रा का भोजन, जरूरत पड़ने पर चिकित्सकीय इलाज आज कैसे बंद हो सकता है। विगत तीन माह में कई ऐसे त्योहार आए। लेकिन वेतन भुगतान नहीं होने के कर्मियों किसी तरह कर्ज आदि लेकर अपना काम चलाया। कर्जदारों ने भी अब कर्ज देना बंद कर दिया है। दुकानदार भी उधार देने को अब तैयार नहीं हैं। कई कर्मियों ने अपने वेतन के आधार पर बैंकों से लोन लिया है जिसका किस्त जमा नहीं के कारण बैंक में सूद की राशि बढ़ते जा रही है। यह एक अलग तरह की समस्या से कर्मी जुझ रहे। अगर एक सप्ताह के अंदर तीन माह का वेतन भुगतान नहीं किया गया तो कर्मी काम पर उपस्थित रहकर भी काम नहीं करने का मूड बना रहे हैं। जिससे कई काम बुरी तरह प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि काम नहीं तो भुगतान नहीं तो सुना था। लेकिन काम करें और भुगतान नहीं हो यह पहली बार सुना है। वह भी दो बड़े लोगों के बीच अपनी अपनी शक्तियों की लड़ाई को लेकर। शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि अगर वेतन भुगतान पर निर्णय नहीं लिया जाता है तो कर्मी इसके लिए आंदोलन भी करेंगे। जिसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार और विश्विद्यालय की होगी।