रेलवे लाइन निर्माण कम्पनी द्वारा बरती जा रही अनियमितताएं,आसपास के ग्रामीणों का जीना हुआ मुहाल l
संतोष कुमार,रजौली
प्रखण्ड के हरदिया पंचायत में डैम के उस पर स्थित डेलवा,नावाडीह,झराही,मढ़ी,कलौदा सहित दर्जनों गांव का सम्पर्क झारखण्ड के तिलैया से कट गया है।वहीं रेलवे लाइन बिछाने वाली कम्पनी द्वारा बरती जाने वाली अनियमितता के कारण ग्रामीणों को जीवन-यापन में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पहाड़ों को काटने के लिए होता है मनचाहा ब्लास्टिंग
धनबाद रेलवे डिवीजन द्वारा डेलवा गांव से होते हुए झारखण्ड के कोडरमा स्टेशन तक जोड़ा जाना है।इसको लेकर पहाड़ों को काटा जा रहा है।पहाड़ काटने के लिए ब्लास्टिंग के मानकों को ताख पर रखकर मनमाने रूप से ब्लास्टिंग की जा रही है।ग्रामीण मंगरी देवी ने बताई कि अनियमित और नियम के विरुद्ध ब्लास्टिंग से आसपास के दर्जनों घरों के अलावे सरकारी विद्यालय समेत सामुदायिक भवन आदि की भी क्षति हुई है।जिसको लेकर स्थानीय लोगों द्वारा रेलवे के ठेकेदार व कर्मी से कई बार शिकायत की गई है।किंतु वे लोग गांव के भोले-भाले लोगों को झूठी सांत्वना देकर पुनः अपने काम में लग जाते हैं।अनियमित व गलत तरीके से हो रहे ब्लास्टिंग के कारण ग्रामीणों में हमेशा डर का माहौल बना हुआ है।बीते कुछ दिनों से गांव के बच्चों को गांव के ही एक विशाल वृक्ष के नीचे सरकारी शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जा रहा है।वहीं जंगली क्षेत्र होने के कारण स्थानीय पदाधिकारी द्वारा नियमित निरीक्षण नहीं किया जाता है।
पैदल पुल का नहीं कराया गया निर्माण,गड्ढों को पार करने में हुए कई हादसे
रेलवे लाइन बिछाने के दौरान पहाड़ों को काटने से उत्पन्न खाई को पाटने के लिए पैदल पुल का निर्माण कराया जाना सुनिश्चित था।किंतु ठेकेदार की लापरवाही से अबतक पैदल पुल का निर्माण नहीं कराया गया है।जिससे ग्रामीण खाई में नीचे उतरकर पुनः ऊपर चढ़ना पड़ता है।इस दौरान दर्जनों लोग उतरने और चढ़ने में गिरकर गम्भीर रूप से घायल हो गए हैं।कइयों के तो हाथ-पैर तक टूट गए हैं।ग्रामीण मुन्ना सिंह ने बताया कि रेलवे लाइन बिछने के पूर्व पहाड़ी रास्ता भी काफी समतल था।किंतु रेलवे ठेकेदार द्वारा लाइन बिछाने के क्रम में पहाड़ों को काटकर अलग किया गया है।जिसके कारण एक तरफ से दूसरे तरफ जाने के लिए लोगों को अपनी जान तक जोखिम में डालनी पड़ रही है।
राशन तक नहीं ला पा रहे ग्रामीण
नावाडीह गांव निवासी परमेश्वर सिंह ने बताया कि रेलवे ठेकेदार द्वारा पहाड़ के काटने से रास्ता इतना गड्ढ़ा हो गया है कि वो लगभग 200 से 300 फीट गहराई वाला खाई बन गया है।जिसके कारण ग्रामीण एक किलोग्राम तक के वजन का कोई भी सामग्री अपने साथ लेकर न तो आ सकते हैं और न ही जा सकते हैं।इसी कारणवश ग्रामीण राशन के अलावे अन्य जरूरी सामान बाजार से नहीं मंगवा पा रहे हैं।
ग्रामीणों ने स्थानीय अधिकारियों से लगाई न्याय की गुहार
रेलवे लाइन बिछाने वाले ठेकेदार द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं को दूर करने को लेकर ग्रामीणों ने स्थानीय पदाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे लाइन बना रहे कंपनी के मनमाने रवैए पर अतिशीघ्र रोक लगाने की आवश्यकता है,अन्यथा रेलवे लाइन बना रही कंपनी की मनमानी से लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आजीविका चलाने को मजबूर रहेंगें।