ज़िला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में सिविल सर्जन सहित सभी अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ बैठक करते हुए डेंगू एवं चिकनगुनिया से जनजीवन को बचाव हेतु किये जाने वाले तैयारियों के संबंध में बैठक किया।

मनोज कुमार,

गया, 16 अगस्त 2023, ज़िला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में सिविल सर्जन सहित सभी अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ बैठक करते हुए डेंगू एवं चिकनगुनिया से जनजीवन को बचाव हेतु किये जाने वाले तैयारियों के संबंध में बैठक किया।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी स्लम एरिया में विशेष ध्यान देते हुए नियमित रूप से फागिंग करवाते रहें।
उन्होंने कहा कि यदि किसी सार्वजनिक स्थान पर पानी का जमाव है तो उसे तुरंत पानी का निकास करें क्योंकि पानी का जमाव रहने से डेंगू काफी तेजी से पनपता है।
उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डेंगू से संबंधित सेपरेट बेड रखें ताकि डेंगू के मरीज आने पर उसे तुरंत एडमिट करते हुए समुचित इलाज कराया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी अस्पतालों में भी नियमित रूप से फॉगिंग करावे।
मेडिकल कॉलेज के साथ साथ जिला अस्पताल में भी डेंगू के जांच हेतु पर्याप्त किट उपलब्ध रखे। सभी प्रखंडों में डेंगू के जांच हेतु किट उपलब्ध करवाये।
डेंगू से संबंधित आने वाले मरीजों के क्षेत्र को चिन्हित करते हुए पूरे परिधि को अच्छे तरीके से फोगिंग करवाये। डीएम ने कहा कि सभी स्लम एरिया एवं जल जमाव वाले एरिया में फॉगिंग एवं एंटी लारवा मशीन के साथ साथ दवा का छिड़काव करवाये। डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया एवं बोधगया में विशेष रूप से वहां के जनप्रतिनिधियों को विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करे।
डेंगू एवं चिकनगुनिया के संबंध में आवश्यक सूचना :-

डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर दिन में काटता है एवं स्थिर साफ पानी में पनपता है।

-: इन बीमारियों के लक्षण :

तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा आँखों के पीछे दर्द
• त्वचा पर लाल धब्बे / चकत्ते का निशान
• नाक, मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना
• काला पैखाना होना

उपरोक्त लक्षणों के साथ तेज बुखार से पीड़ित मरीज को अविलम्ब सदर अस्पताल अथवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाएँ।

यदि किसी व्यक्ति को पूर्व में डेंगू हो चुका है तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, वैसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की शंका होने पर तुरन्त ही सरकारी अस्पताल / चिकित्सक से सम्पर्क करें।

-: डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव हेतु निम्न उपाय करें :
-• दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
• मच्छर भगाने वाली दवा / क्रीम का प्रयोग दिन में भी करें।
• पूरे शरीर को बैंकने वाले कपड़े पहने, घर एवं सभी कमरों को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाए रखें।
• टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, ए.सी./ फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी एवं घर के अंदर एवं अगल-बगल में अन्य जगहों पर पानी न जमने दें।
• अपने आस-पास के जगहों को साफ-सुथरा रखें तथा जमा पानी एवं गदंगी पर कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करें।
• गमला, फूलदान इत्यादि का पानी हर दूसरे दिन बदलें।
• मॉल दुकानदारों / प्रबंधकों से भी अनुरोध है कि खाली पड़े जगहों में रखे डब्बों / कार्टनों आदि में पानी जमा न होने दें।
• जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें। • याद रखें हर बुखार डेंगू नहीं है।
• बीमारी के लक्षण होने पर बिना समय नष्ट किये अन्य चिकित्सक से सम्पर्क करें।
• डेंगु एवं चिकनगुनिया बुखार की स्थिति में सभी रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है।
• समय पर उपचार कराने से मरीज पूर्णतः स्वस्थ्य हो जाता है।

तेज बुखार के उपचार हेतु एस्प्रीन अथवा ब्रुफेन की गोलियाँ कदापि इस्तेमाल नहीं करें। इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है।
एम्बुलेंस हेतु टॉल फ्री नं० 102 डायल करें।