सफाई कर्मी के हड़ताल पर चले जाने से शहर की सूरत हो रही बदसूरत शासक प्रशासक मस्त, नगरवासी त्रस्त

चंद्रमोहन चौधरी .

सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से शहर में चहुओर गंदगियों का अंबार लग गया है। जगह जगह कूड़े कर्कट का ढेर लगा है। अधिकारी, जनप्रतिनिधि मस्त है। मजदूर पस्त दिख रहे है। सड़क पर बहती सड़ांध मारती बदबूदार नाले, नालियों के पानी से होकर गुजरते हुए नगरवासी नित दिन अपना दैनिक कार्य निपटा रहे है।इन्ही गंदे पानी तथा सड़क पर बिखरे मल मूत्रों और कचरे से होकर इस बार नगरवासी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की सलामी देंगे। सूत्रों की माने तो नगर प्रशासक शहर की साफ सफाई तथा मजदूरों के हड़ताल तोड़वाने के बजाय जनता की गाढ़ी कमाई को 15 अगस्त के अवसर पर प्रचार – प्रसार कर अपना चेहरा चमकाने में लगे हैं। फोटो सहित हजारों, लाखो रुपए के विज्ञापन छपवाने पर जोर दे रही है। नगर परिषद कार्यालय से महज एक हजार गज की दूरी पर स्थित काव नदी के तट पर डापिंग की गई कचरा स्वच्छता को आइना दिखा रहा है। जहां से शासन प्रशासन के अलावा हजारों लोग नित दिन रू ब रू होकर गुजरते रहते है। सूत्रों की माने तो कार्यपालक की कार्यशैली से हर लोग त्रस्त है। सीधा ऊपर तक पहुंच होने की बातें कह आमलोगों को प्रताड़ित कर रहे है। सफाई कर्मियों ने बताया कि उन्हें चार माह से मजदूरी नहीं मिल रहा है। मजदूरी मांगने पर कार्यपालक पदाधिकारी एनजीओ को दोषी बता रहे हैं, तो एनजीओ कार्यपालक पदाधिकारी को दोषी करार देते है।