जातीय गणना रोकने का भाजपा का षडयंत्र हुआ विफल

रजनीश कुमार ।

जहानाबाद पटना हाइकोर्ट ने जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं ख़ारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने इस सम्बन्ध दायर याचिकायों पर में 3 जुलाई,2023 से पांच दिनों की लम्बी सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दिये गये दलीलों को स्वीकार करते हुए जातीय सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है। जदयू ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है, साथ ही भाजपा पर प्रहार भी किया है। जदयू जिला अध्यक्ष अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कहा है कि जातीय गणना के विरुद्ध उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज किया है। उसका स्वागत योग्य है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जातीय गणना रोकने का षडयंत्र विफल हुआ। अब जातीय गणना का रास्ता प्रशस्त हुआ। जातीय गणना राज्य हित में है। और यह पूरे देश में होना चाहिए।जाति आधारित गणना के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला साबित करता है की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की दूरदर्शी सोच ,जो सबके हित में जातिगत गणना करवाने की मुहिम की शुरुआत की थी।संख्या का पता होने से असल में वंचित और कमजोर जातियों को बेहतर सुविधा व योजनाओं का त्वरित लाभ सही अनुपात में दिलाया जा सकता है।आबादी के अनुपात में सबको समुचित अवसर मिलना ही समाजवादी लोकतंत्र का मूल मकसद है। इसे प्रदेश सचिव रंगनाथ शर्मा, महेंद्र कुमार सिंह,जिला प्रवक्ता अमित कुमार पम्मू,विनय कुमार सिंह,कमलेश वर्मा,रामभवन सिंह कुशवाहा, गुलाम मुर्तजा अंसारी, संजय कुमार सिंह,मधेश्वर प्रसाद,रणधीर पटेल,रामप्रवेश कुशवाहा,अजीत शर्मा,प्रेम कुमार पप्पु,संजीव कुमार सिंह,सहित दर्जनों कार्यकर्ता ने फैसले का स्वागत किया है।

You may have missed