जिले के प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 के तृतीय वर्षगांठ पर स्किल्ड शिक्षा पर जोर

गजेंद्र कुमार सिंह ।

स्किल्ड शिक्षा से बच्चे होंगे आत्मनिर्भर क्योंकि डिग्री के साथ टेक्निकल शिक्षा जरूरी है.

शिवहर—- जिले में जिले के केंद्रीय विद्यालय एवं जिले के नवोदय विद्यालय ने संयुक्त तत्वधान में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी गई
जिला शिवहर केंद्रीय विद्यालय के सभागार में केंद्रीय विद्यालय एवं जवाहर नवोदय विद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 के तृतीय वर्षगांठ के अवसर पर अतिथियों के द्वारा नई शिक्षा नीति के बारे में पूर्वक जानकारी दी है।केंद्रीय विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य रीना कुमारी ,केंद्रीय विद्यालय जवाहर नगर सीतामढ़ी के प्राचार्य एन वी अग्रवाल तथा जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य डीके दास नई शिक्षा नीति के बारे में जानकारी दी वहीं जवाहर नवोदय विद्यालय के विद्यानंद कुमार के द्वारा भी बताया गया।अतिथियों के द्वारा बताया गया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 की विशेषताएं हैं कि मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा, शिक्षा का सार्वभौमिकरण किया जाएगा जिसमें मेडिकल और लॉ की पढ़ाई शामिल नहीं की गई है।पहले दसवीं और बारहवीं का पैटर्न को फॉलो किया जाता था परंतु अब नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा ,जिससे कि 12 साल की स्कूल शिक्षा होगी और 3 साल की फ्री स्कूल शिक्षा होगी। वही छठी कक्षा से व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप आरंभ कर दी जाएगी।उन्होंने बताया है कि पांचवी कक्षा तक शिक्षा मातृभाषा में कर दिया गया है। पहले साइंस कॉमर्स तथा आर्ट् स्ट्रीम होती थी लेकिन अब ऐसी कोई भी एसडीएम नहीं होगी। छात्र अपनी इच्छा के अनुसार कोई भी विषय चुन सकते हैं ।छात्र फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई भी सब्जेक्ट पढ़ सकते हैं।बताया गया कि छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाया जाएगा। सभी स्कूल डिजिटल इक्विटी किए जाएंगे। लर्निंग पर जोर देकर पाठ्य पुस्तकों पर निर्भरता को कम किया जाएगा। बताया गया कि नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।जवाहर नवोदय विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक विद्यानंद कुमार ने विशेष जानकारी देते हुए कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा खर्च किया जाएगा ।पढ़ाई में संस्कृत और भारत के अन्य प्राचीन भाषाएं पढ़ने का ऑप्शन भी रखा जाएगा। छात्र6 अगर चाहे तो कोई भी भाषा पढ़ सकते हैं। बोर्ड परीक्षा में भी बदलाव किया जाएगा ऐसा हो सकता है कि साल में दो बार छात्रों के ऊपर से बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षा ली जाए। सहित अन्य जानकारी दी गई।प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय विद्यालय के शिक्षकगण तथा जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षक गण शामिल थे।