कारगिल विजय दिवस की 24 वीं वर्षगाठ पर बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि

मनोज कुमार ।
आज गया के स्थानीय कोतवाली थाना के पास स्थित शहीद स्मारक स्थल पर सन 1999 के युद्ध में भारतीय सेना की जीत को दर्शाने के लिए 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया गया। यह उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि का दिन है, जिन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी। कारगिल के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में लड़े गए इस युद्ध ने भारतीय सशस्त्र बलों की अदभय भावना और साहस का प्रदर्शन किया था।
इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू, गया जिला कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष डा गगन मिश्रा, उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, दामोदर गोस्वामी, राम प्रमोद सिंह, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, अमरजीत कुमार, टिंकू गिरी, शिव कुमार चौरसिया, बबलू राम, उदय शंकर पालित, मो समद, खालिद अमीन, मो अहमद रजा खान, सुरेंद्र मांझी, विनोद उपाध्याय, आदि ने वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज के दिन हर साल हम भारतवासी कारगिल विजय दिवस मनाते है। यह युद्ध 18000 फीट की ऊंचाई पर लड़ी गई कारगिल के इस जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे, और घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था।
नेताओ ने कहा की लगातार 60 दिनों तक चला यह युद्ध भारतवासियों के गौरव का प्रतीक है , इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अदभ्य साहस का परिचय देते हुए भारत माता के मस्तक पर आंच नहीं आने दी और पाकिस्तानी सैनिकों को रौंद डाला , यह दिन आज भी भारत की शौर्य गाथाओं में दर्ज है ।
नेताओ ने कहा कारगिल युद्ध में सबसे कारगर बोफोर्स तोप हुआ था, जिसे देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी ने खरीद की थी, जो 18000 फीट तक मार कर पाकिस्तानी सैनिकों का छक्का छुड़ाया था, तथा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी ने कारगिल युद्ध में घायल सैनिकों के लिए रक्त दान कर खून दिया था ।
नेताओ ने स्थानीय प्रशासन एवं राज्य सरकार से गया में सिकड़िया मोड़ पर कारगिल युद्ध में शहीद सैनिकों के सम्मान में प्रतीक स्थल बनाने की मांग किया है।