नगर आयुक्त और मेयर के बीच चल रहे विवाद में आया नया मोड़, नगर आयुक्त के समर्थन में आए कई वार्ड पार्षद
दिवाकर तिवारी ।
वार्ड पार्षदों ने मेयर पर मनमानी का आरोप लगाते हुए पूछे कई सवाल
रोहतास। सासाराम नगर निगम में नगर आयुक्त और मेयर के बीच बीते कई दिनों से चल रहे विवाद ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। शहर के विकास कार्यों से चिंतित एवं नगर निगम में हो रहे कथित मनमानी को लेकर उप मेयर सहित कई वार्ड पार्षद अब नगर आयुक्त के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं। दरअसल शहर के एक निजी प्रतिष्ठान में मंगलवार को उप मेयर सहित कई वार्ड पार्षदों द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जहां उपमेयर सहित अन्य वार्ड पार्षदों ने मेयर काजल कुमारी के क्रियाकलापों को लेकर कई सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि बीते एक फरवरी को हीं बोर्ड ने बड़ा डस्टबिन खरीदने, आवश्यकतानुशार सफाई उपकरण व वाहन क्रय करने, 224 नाली गली बनाने, प्रत्येक वार्ड में दो दो वाटर वैट लगाने, शौचालय और यूरीनल निर्माण कराने एवं मुख्यमंत्री शहरी नाली गली के कराए गए कार्य का भुगतान कराकर शेष बचे कार्य कराने का निर्णय लिया गया था। फिर जनवरी से अप्रैल तक वर्तमान नगर आयुक्त के आने से पहले एक भी कार्य या निविदा क्यूँ नहीं हुआ ? उनके कार्यकाल में एक बार भी धरना या तालाबंदी विकास कार्य हेतु क्यों नहीं किया गया ? लेकिन जब से नए नगर आयुक्त ने पदभार ग्रहण किया तब से टकराव देखा जा रहा है। जिससे शहर का विकास कार्य पूरी तरह बाधित हो रहा है। उन्होंने पूछा कि बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 61 के तहत अभी तक सशक्त स्थायी समिति की कार्यवाही पंजी पार्षद गण को क्यों नहीं परिचालित की जा रही है ? सशक्त स्थायी समिति के कार्यवाही पंजी में कौन सी ऐसी बात हैं जो शहरवासी और पार्षद गण से छुपाई जा रही है? पूर्व से म्यूटेशन के लिए एक प्रतिशत राशि जमा किये गये आवेदकों का म्यूटेशन चार माह में क्यों नहीं हुआ ? पुरे बिहार से एक प्रतिशत ज्यादा म्यूटेशन शुल्क लेकर सासाराम नगर निगम में अन्य नगरपलिकाओ से ज्यादा कौन विकास हुआ या होगा ? बोर्ड और सशक्त स्थायी समिति के बैठकों की विडियोग्राफी से क्या परेशानी है ? विडिओग्राफी से पारदर्शिता होगी और पारदर्शिता से किस बात का डर है ? उन्होंने पूछा कि जल जमाव के निदान के लिए ड्रेनेज निर्माण का एजेंडा कभी बैठकों में क्यों नहीं आया ? जबकि 1 फरवरी के बैठक में ही सुकांति सिंह द्वारा नाला सफाई का सुझाव दिया गया। जिसपर आपके द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया। वहीं नगर आयुक्त सफाई उपकरण खरीदने का प्रस्ताव दिए थे, उसे क्यों ठुकरा दिया गया ? प्रशासक द्वारा किये गये 17 योजनाओं को क्यों रद किया गया ? बोर्ड में पारित योजनाओं को किस नियम के तहत सशक्त स्थायी समिति में काटा जाता है ? बस स्टैंड में बस मालिकों से अवैध रूप से 18 प्रतिशत जीएसटी दो माह तक वसूला गया, उसपर कबतक सशक्त स्थायी समिति में निर्णय होगा ? मच्छली मंडी के अवैध वसूली पर कबतक कार्रवाई होगी? बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 49 का उल्लंघन कर अन्यान्य में दर्जनों निर्णय घर पर बैठकर लिखे क्यों जाते हैं ?
प्रेस वार्ता के दौरान उपमेयर सहित अन्य पार्षदों ने कहा कि नगर निगम के इतिहास में पहली बार नगर आयुक्त द्वारा आमजन के बीच जाकर समस्याओं को सुना जा रहा है और समाधान का प्रयास भी किया जा रहा है। कूड़ा डंपिंग स्टेशन के लिए स्थल चिन्हित करने का प्रयास सहित करोडों की योजनाओं का निविदा आमंत्रित किया गया है। जिसके लिए नगर आयुक्त धन्यवाद के पात्र है और हम सभी को पूरा उम्मीद है की इनके कार्यकाल में सासाराम नगर निगम विकास की ओर अग्रसर होगा। इसलिए मेयर, उप मेयर, सशक्त स्थायी समिति सदस्य एवं सभी पार्षदों गण को अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और इगो को छोड़ते हुए मिलजुलकर शहर के विकास के लिए कार्य करना चाहिए। प्रेस वार्ता के दौरान मेयर सत्यवंंती देवी, वार्ड पार्षद सुकांति देवी, संजय कुमार वर्मा, दीपू कुमार, किरण जायसवाल, गुलशन अफरोज, लैला देवी, दशमातो देवी, दिनेश सिंह सहित अन्य पार्षद प्रतिनिधि उपस्थित रहे।