बिहारी राजनीति तो अच्छे-अच्छे को समझ मे नहीं आती जनाब !

संजय वर्मा ।

बिहारी राजनीति अच्छे अच्छे को समझ मे नहीं आती महाराष्ट्र प्रकरण के बाद लोग कयास लगाने लगे हैं कि अगला ऑपरेशन कमल बिहार में होगा पर वो यह भूल जाते हैं कि ऐसे ऑपरेशन के हश्र क्या होता रहा न लालू यादव की राजद और न नीतीश कुमार की जदयू की पार्टी को कुछ हुआ विगत विधानसभा चुनाव में हीं जदयू के साथ भाजपा ने छल किया जिसका परिणाम पार्टी 45 सीट में सिमट गई। इसके बाद किस तरह से छद्म लड़ाई के आड़ में आरसीपी सिंह को आगे कर नीतीश सरकार की तख्तापलट की कोशिश की गई परन्तु जदयू ने मौके की नजाकत भांपकर इसका इलाज कर दिया माना कि भाजपा विधायकों पार्टीयो को तोड़ने से लेकर सरकारों को गिराने में महारत हासिल कर चुकी है कई प्रदेशों में सफल भी हुई तो बिहार में विफल भी अब नए सिरे से भाजपा फिर कोई खेल जदयू या नीतीश के साथ करना चाहती है तो उसे मुह की खानी पड़ सकती है क्योंकि बिहार उड़ती चिड़िया को हरदी लगाना जानती है नीतीश भाजपा के रग रग से वाकिफ है खेला वो क्या करेगी कहीं नीतीश ही खेला कर दें तो बिहार की सत्ता पाने के सपने में कहीं पलीता न लग जाय।

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