माँ वैष्णो देवी संस्थान द्वारा 25 जून को 51गरीब जोडे का सामूहिक विवाह की तैयारी अंतिम चरण में

धीरज ।

गया।मा वैष्णो देवी सेवा समिति की और से इस वर्ष भी 51 जोडे का सामूहिक विवाह करावाया जाएगा। हिन्दू रिती रिवाज के साथ ही यह अनोखी विवाह आने वाले रविवार 25 जून को करवाया जाएगा।जो पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल गाधी मैदान में सम्पन्न कराया जाएगा।इन नव विवाहित दंपति को अपनी नयी पारी की शुरुआत करने के लिए गृहस्थी का पुरा समान उपहार स्वरूप दिया जाएगा ‌।इस आदर्श विवाह में समाज के प्रबुद्ध और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होकर वर वधू को आशीर्वाद देंगे।इस संबंध पुरी जानकारी समिति के अध्यक्ष सरदार जगजीवन सिंह ने बताया कि मा वैष्णो देवी सेवा समिति की और से हर वर्ष एक विवाह ऐसे कार्यक्रम के दिन समाज में खास पेरशानी को फोकस कर उसके समाधान के लिए आवाज उठायी जाती है।इस कार्यक्रम में बढी हस्तियां भी इस मंच पर बुलाते हैं जिससे मंच के माध्यम से सरकार या उनसे जुडे लोगों के द्वारा सहयोग मिल सके,इस साल इस कार्यक्रम में मस्कुलर डिस्ट्रोफी पीड़ित बच्चो के लिए आवाज उठाई जाएगी।इस संबंध में जितेन्द्र कुमार जीतू ने बताया कि अगर कोई एसा परिवार आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है या कमजोर है तो जिन्होंने अपनी बेटीया की शादी तय कर दी है और उन्होंने अपने बेटीयो के लिए दुल्हा देख लिया है लेकिन आर्थिक अभाव से शादी नही हो पा रही है तो वे समिति से नि शुल्क फार्म ले कर रजिस्ट्रेशन कराते हैं इस रजिस्ट्रेशन कराने के लिए वर की उम्र 21 वर्ष और वधू की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। इससे संबंधित कागजात दोनो पक्ष से लिया जाता है।इसकी अंतिम जाच के बाद 51 वरो को सूट पिस ,51 वधुओं को सगुन की साडीया दी जाती है।25 जून शादी के दिन दोनो के दस दस रिश्तेदार महाराणा प्रताप भवन में पहुंचेंगे।यहा शादी की जो भी रस्में है वह करायी जाएगी । शाम को 4 बजे 51 दुल्हो की बारात निकाली जाएगी,सूबह से इनके खाना पिना आदी रस्मो मे लगने वाले समान समिति की और से किए जाएगे,पुरी विधी विधान के साथ शादी सम्पन्न होने के बाद नवविवाहित जोड़े को उपहार स्वरूप एक साइकिल,एक सिलाई मशीन, एक सेट बर्तन, पंन्द्रह दिन का राशन सामग्री दी जाएगी।इस कार्यक्रम में बढ चढकर सचिव कन्हैया अग्रवाल,मुख्य संस्थापक मुकेश हिसरिया, संस्थापक जितेन्द्र कुमार जीतू, सदस्य शिव गुप्ता ने 51 घोडे का पुरी खर्च अपने तरफ से देने की बात कही है ‌इस उपहार देने का समिति का मकसद यह है कि साइकिल से पति कमाने जाए और घर में पत्नी सिलाई करके अपने जीवन यापन कर सके।राशन देने का मक़सद यह होता है कि तुरंत वर वधू को खाने की समस्या नही हो।

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