जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जल संकट से बचाव हेतु की जा रही तैयारियों से संबंधित समीक्षा बैठक की गई
मनोज कुमार ।
गया, जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में उप विकास आयुक्त, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी डिवीजन गया एवं डिवीजन शेरघाटी के साथ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जल संकट से बचाव हेतु की जा रही तैयारियों से संबंधित समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि शेरघाटी एवं गया डिवीजन के वैसे पंचायतों/ क्षेत्रों जहां पानी की समस्या है, वैसे क्षेत्रों में कुल 52 टैंकर भेजकर ग्रामीण इलाकों में पेयजल व्यवस्था को सुचारू रखा जा रहा है। जिला पदाधिकारी कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि पीएचडी विभाग के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को क्षेत्र भ्रमण करवाते रहें तथा जिस टोला से पानी की समस्या की शिकायत मिले वहां तुरंत टैंकर भिजवाने में तत्परता बरते।
उन्होंने बताया कि नीमचक बथानी प्रखंड के खोखरी पंचायत के मऊ ग्राम वार्ड संख्या 7 महादलित टोला तथा यादव टोला में टैंकर की आवश्यकता है, उसे अविलंब भेजवाना सुनिश्चित करें।
सार्वजनिक चापाकल मरम्मत के समीक्षा में पीएचडी द्वारा बताया गया कि 500 राइजिंग पाइप बदलने हेतु विभाग को अधियाचना किया गया है। इस शनिवार तक राइजिंग पाइप आएगा। जिला पदाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता को लगातार फॉलोअप करते हुए तेजी से खराब राइजिंग पाइप को मरम्मत करवाने का निर्देश दिए।
शेरघाटी तथा गया डिवीजन में कुल 62 चापाकल मरम्मत दल द्वारा मरम्मत करने करने का कार्य किया जा रहा है। अब तक शेरघाटी में कुल 2761 तथा गया में 2711 इस प्रकार कुल 5472 चापाकल का मरम्मत किया जा चुका है।
वजीरगंज, फतेहपुर, कोच, टनकुप्पा, गुरारू में जिला पदाधिकारी के स्तर से पूर्व में हुई बैठक में विभिन्न जनप्रतिनिधियों तथा पदाधिकारियों द्वारा जल संकट से संबंधित आने वाले मामलों की भी आज उसकी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि वजीरगंज के क्षेत्र में जल संकट के समस्या के दौरान चापाकल मरम्मत दल द्वारा काफी अनियमितता एवं लापरवाही की शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिला पदाधिकारी ने अभिलंब उक्त चापाकल मरम्मत दल को बदलने का निर्देश दिए।
जिला नियंत्रण कक्ष तथा जिला पदाधिकारी के दूरभाष तथा व्हाट्सएप पर प्राप्त एक एक सभी शिकायतों का आज समीक्षा करते हुए जिला पंचायती राज पदाधिकारी तथा पीएचडी के अभियंता को संबंधित मामलों में जांच कराकर निराकरण कराने का निर्देश दिए हैं। जिला पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया कि कंट्रोल रूम के पंजी का अवलोकन करते हुए पेयजल समस्या की शिकायतों को लगातार फॉलोअप करते हुए समस्या का निराकरण करवाना सुनिश्चित करें।