149 वीं जयंती पर चंपारण सत्याग्रह के महानायक पं राजकुमार शुक्ल को लेकर उठी भारत रत्न की मांग

सुप्रीय सिंह ।

149 वीं जयंती पर चंपारण सत्याग्रह के महानायक पं राजकुमार शुक्ल को लेकर उठी भारत रत्न की मांग । पं शुक्ल के जीवन पर मोतिहारी में शीघ्र शुरू होगा जीवन वृत्त का प्रसारण : नीतीश मिश्रा जयंती के अवसर पर विशिष्ट अवदान को लेकर पं राजकुमार शुक्ल स्मृति शिखर सम्मान से सम्मानित हुए कला के क्षेत्र में भोजपुरी लोक गायक भरत शर्मा व्यास, सामाजिक कार्य- विमल जैन, पत्रकारिता- लक्ष्मीकांत सजल, और साहित्य-भीष्म प्रसाद शर्मा । पटना, 23 अगस्त, 2024 चंपारण सत्याग्रह के महानायक पंडित राजकुमार शुक्ल के जीवनी पर जीवन वृत्त का प्रसारण की तैयारी शीघ्र करेगी पर्यटन विभाग, लंबे संघर्षों के बाद देश की आजादी में चंपारण सत्याग्रह को भुलाया नहीं जा सकता चंपारण सत्याग्रह स्वाधीनता संग्राम की पहली लड़ाई थी जिसका सूत्रपात पंडित राजकुमार शुक्ल जी ने किया था आज उसे महामानव की 149 वीं जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं । संस्थान के लोग लगातार शिद्दत से पंडित राजकुमार शुक्ल के स्मृति अशेष के लिए कार्य कर रहे हैं जो बेहद सराहनीय है । उक्त बातें बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री श्री नीतीश मिश्रा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही । कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर की इस अवसर पर पंडित शुक्ल के दोहित्री बीना देवी हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ पं राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष एवं लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट और अमरीश कांत उपस्थित थे । इस अवसर पर भीष्म शर्मा द्वारा लिखित पंडित राजकुमार शुक्ला और उनके डायरी के पन्ने पुस्तक का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा की गई। स्थानीय पटना के विद्यापति भवन में चंपारण सत्याग्रह के महानायक पं राजकुमार शुक्ल की 149 वीं जयंती के ऐतिहासिक अवसर पर कार्यक्रम आयोजित की गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता पं राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष एवं लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के मुख्य प्रवक्ता डॉ राजेश भट्ट ने की ।

इस अवसर पर डॉ भट्ट ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत प्रतीक चिन्ह और पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर की। इस अवसर पर विशिष्ट प्रावधान को लेकर कला के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त भोजपुरी लोक गायक भरत शर्मा व्यास साहित्य के लिए भीष्म शर्मा सामाजिक कार्य के लिए डॉक्टर विमल जैन और पत्रकारिता के लिए डाॅ लक्ष्मीकांत सजल को पंडित राजकुमार शुक्ल शिखर सम्मान 2024 से सम्मानित किए गए। स्वागत संबोधन में डॉ राजेश भट्ट ने कहा कि पिछली सरकारों ने पं राजकुमार शुक्ल को वह सम्मान नहीं दिया जिसके वे हकदार थें । विश्व के सबसे बृहद किसान आंदोलन जिसमें सीधे तौर पर 19 लाख किसान शामिल थे जिसे नील आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। नीलहे गोरों के आर्थिक अत्याचार और तिनकाठिया पद्धति के खिलाफ संघर्ष में एक बड़े रैयत होने के बावजूद पं शुक्ल ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। सर्वविदित है कि पंडित शुक्ल के अथक अनुनय विनय से बापू का बिहार के चंपारण की धरती पर पहली बार पदार्पण हुआ जहां भारतीय जमीन पर पहली बार गांधी जी ने सत्य और अहिंसा का प्रयोग किया। पं शुक्ल ने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा से संबोधित कियें और चंपारण आंदोलन के सफलता के पश्चात राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के स्वाधीनता संग्राम में राष्ट्रीय फलक पर स्थापित हो गए वही पंडित शुक्ल पिछली सरकारों और इतिहासकारों के भूलवश गुमनामी के अंधेरों में खो गए । महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश की स्वाधीनता संग्राम की पहली प्रयोगशाला चंपारण सत्याग्रह की लड़ाई में पं शुक्ल जी ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया । डॉ भट्ट ने देश के लिए सर्वस्व समर्पित करने वाले चंपारण सत्याग्रह के इस महान और अद्वितीय योद्धा पं राजकुमार शुक्ल जी को केंद्र सरकार से अविलंब भारत रत्न देने की मांग की । कार्यक्रम को मुख्य रूप से डॉ अनिल सुलभ ने संबोधित करते हुए कहां की पंडित राजकुमार शुक्ला चंपारण सत्याग्रह के अद्वितीय योद्धा थे जिन्होंने चंपारण से देश के स्वाधीनता संग्राम का बिगुल फूंका जिसकी चिंगारी सिद्धेश में स्वाधीनता की अलख जगी ऐसे महानायक को पृथक राष्ट्र हमेशा याद रखेगा डॉ अनिल सुलभ ने चंपारण सत्याग्रह और पंडित शुक्ला के कृतित्व और व्यक्तित्व पर विस्तार से चर्चा की

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