मुख्यमंत्री ने संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के पूर्व तैयारियों की समीक्षा की,अधिकारियों को दियेआवश्यक दिशा-निर्देश

मनोज कुमार ।

मुख्य बिन्दु-

* बाढ़ और सुखाड़ दोनों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों के अधिकारी और जिलाधिकारी पूरी तरह अलर्ट रहें।

* सभी तैयारियां ससमय पूरी कर ली जाय। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो।

* हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी।

* जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें और उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण रखें। वे क्षेत्रों में जाएं और वस्तु स्थिति की जानकारी लें।

* जिलाधिकारी क्षेत्र में लोगों से बात करें और पिछले वर्षों में आपदा की स्थिति में किए गए कार्यों को ध्यान में रखते हुए आपदा से निपटने हेतु कार्ययोजना बनाएं।

भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें। हर घर नल का जल योजना से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें।

* जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी सतत् निगरानी करें और इसे बेहतर ढंग से क्रियान्वित करें।

* राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुये सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें