ज़द (यू) सुप्रीमों, सूबे के मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार में अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं _ कॉंग्रेस

MANOJ KUMAR.
सन 2005 के पहले का बिहार की चर्चा कर राज्य की जनता को गुमराह करने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं ।बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार ,मोहम्मद शमीम आलम, आदि ने कहा कि केंद्र के पैसे पर अपना मुँह चमकाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शायद यह कहने में शर्म महसूस हो रही है कि सन 2004 से 2014 के बीच केंद्र की यू पी ए यानी डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में बिहार में पहला केन्द्रीय विश्वविद्यालय, आई आई ए म, ओ टी ए, डी आर डी ओ, आई आई टी, एम्स, मेट्रो, मजदूर- कर्मचारियों का अस्पताल, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत गांव, गांव में सड़क , राष्ट्रीय राज्य मार्ग, फ्लाइ ओवर, शिक्षा, स्वास्थ्य, सहित सभी क्षेत्रों में काम हुआ जो आज बिहार में नजर आ रहा है।

नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विगत दस वर्षो से अपनी नाकामियों का ठीकरा नेहरू-गांधी परिवार के माथे फोड़ने का काम कर रहे हैं, तो दुसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी नाकामियों, विफलताओं का ठीकरा लालू- राबड़ी सरकार के माथे फोड़ने में मशगूल है।नेताओं ने कहा कि चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री आखिर किस मुँह से सूबे बिहार के लोगों को कहते हैं कि आप नई पीढ़ी को 2005 के पहले के बिहार यानी 1999 से 2004 के बीच जब केंद्र की भाजपा गठबंधन के अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की बातें को याद दिलाए जिसने सरकारी कर्मचारियों का पुरानी पेंशन योजना समाप्त किया, तथा उस समय किस प्रकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया इसकी चर्चा करने की जरूरत है।
नेताओं ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री से बिहार की देवतुल्य जनमानस पूछना चाहती है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अभी तक क्यों नहीं मिला, राज्य के सबसे पुरानी, प्रतिष्ठित पटना विश्वविद्यालय को अभी तक केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा क्यों नहीं मिला, बिहार से कई केन्द्रीय संस्थानों को दूसरे राज्यों में क्यों स्थानांतरण किया गया, बिहार को विशेष पैकेज क्यों नहीं मिला आदि बातें नई पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है।नेताओं ने कहा कि देश की महान जनता दो बार 2014 एवं 2019 में झांसे में आया गई, इस बार यानी तीसरी दफा मोदी, नीतीश की झांसे नहीं आने का मन बना लिया है।