नेता जी आते हैं,चुनाव जीतकर जाते हैं,किन्तु विकास दर निचले पायदान पर

संतोष कुमार।

रजौली नगरपंचायत व प्रखण्ड के साथ-साथ अनुमण्डल मुख्यालय है।बावजूद यह प्रखण्ड जिले में पिछड़े श्रेणी में अग्रणी है।लोकसभा,विधानसभा,विधानसभा चुनाव समेत स्थानीय चुनावों में नेता जी चुनाव के समय वोट मांगने के समय तो गांव-घर जाकर वोट मांगते हैं और विकास की गंगा बहाने की बात करते हैं।किंतु चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र के विकास की गंगा की जगह बरसाती नदियां भी सुचारु रूप से नहीं बह पाती है।जिससे यहां लोग चुनाव के बाद खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं।स्थानीय लोगों द्वारा लम्बे अरसे से स्वास्थ्य में सुधार को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल में महिला व पुरुष चिकित्सक समेत अन्य कर्मियों की बहाली एवं जरूरी सेवाओं की मांग की जा रही है।किंतु इसपर किसी विधायक एवं सांसद ने कोई ध्यान नहीं दिया।पुरानी बस स्टैंड के समाजसेवी संतोष कुमार ने कहा कि मुख्यालय समेत प्रखण्ड के दूर-दराज के क्षेत्रों में ग्रामीणों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं मिल पाती है।

अनुमंडलीय अस्पताल को ट्रामा सेंटर तो घोषित कर दिया गया।किन्तु अस्पताल में अल्ट्रासाउंड तक की सुविधा नहीं है।दुर्घटना से पीड़ित लोगों का मात्र प्राथमिक उपचार कर नवादा रेफर कर दिया जाता है।दुर्घटना अथवा मारपीट की घटना पर टूट हड्डियों को प्लास्टर करने के लिए न तो चिकित्सक और न ही सुविधा उपलब्ध है।जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है।वहीं अंधरवारी गांव की निशा भारती सिन्हा ने कहा कि रजौली प्रखण्ड अन्य प्रखण्डों की तुलना में स्वास्थ्य,शिक्षा एवं रोजगार के साधन समेत अन्य कई मुद्दों में काफी पिछड़ा हुआ है।उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की शिक्षा के लिए एक भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है।जिसके कारण विद्यार्थियों और उनके परिजनों का आर्थिक और मानसिक दोहन पिछले कई वर्षों से होता आ रहा है।इस प्रखण्ड के मतदातायें सीधे-साधे हैं जिसका नाजायज फायदा यहां के विधायक और सांसद समेत अन्य लोग उठाते आ रहे हैं।चुनाव के समय लम्बी-लम्बी बातें कर वोट ले लेते हैं और जीतने के बाद क्षेत्र में घूमने तक नहीं आते हैं।इन सब बातों के बावजूद लोगों से अपील भी की कि वे लोकसभा चुनाव में अपना बहुमूल्य वोट किसी अच्छे प्रत्याशी को दें ताकि वे अब रजौली के विकास के बारे में गम्भीर रहें।