पिछड़े क्षेत्र से भी बेटियां पढ़ाई में बढ़,कर रही मिशाल कायम

संतोष कुमार ।

बिहार बोर्ड के मैट्रिक का रिजल्ट निकलते ही जिला टॉपर से लेकर अन्य उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के परिजनों में खुशियों का माहौल है।वहीं प्रखण्ड के अतिपिछड़ा क्षेत्र कहे जाने वाले फुलवरिया के भौर गांव से आधारभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद स्थानीय शिक्षकों की मदद से खुशी कुमारी ने मैट्रिक की परीक्षा में 500 अंकों में 444 अंक प्राप्त कर आसपास के पिछड़े इलाकों के लिए मिशाल कायम की है।खुशी कुमारी की सफलता से उसके पिता योगेंद्र राजवंशी एवं माता सुनीता देवी में काफी खुशी का माहौल है।वहीं फुलवरिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार एवं उपेन्द्र कुमार समेत आसपास के लोग काफी खुश हैं।

वहीं छात्रा खुशी कुमारी ने बताई कि उनके पिता खेतों में काम करते हैं एवं मां गृहणी है।वह बचपन से ही सबसे अलग करने की चाहत रखकर पढ़ाई कर रही थी।साथ ही अपने पहले विद्यालय फुलवरिया उत्क्रमित विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों से हर 10-15 दिन पर पढ़ाई से सम्बंधित मदद के लिए आया करती थी।विद्यालय के शिक्षकगण छात्रा को प्रोत्साहित करते रहते थे,जिसका परिणाम मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट बता रहा है।प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार ने कहा कि वे वर्ष 2018 से विद्यालय का संचालन कर रहे हैं।साथ ही कहा कि पिछड़े इलाके के बावजूद यहां के बच्चों में बहुत कुछ करने की झलक देखने को मिलती है।वहीं सभी शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ छात्रों के उज्जवल भविष्य को लेकर लगातार प्रोत्साहित करने का निर्देश देते रहते हैं।उन्होंने कहा कि एक पिछड़े क्षेत्र एवं गरीब परिवार की बच्ची जब आसमान की बुलंदियों को छूने का प्रयास करती है,तो आसपास के लोग काफी प्रभावित होते हैं।साथ ही कहा कि खुशी कुमारी के मैट्रिक का परिणाम आसपास के छात्र-छात्राओं के लिए मिशाल बना है।प्रधानाध्यापक ने कहा कि खुशी कुमारी के मैट्रिक रिजल्ट की जानकारी मिलते ही उसे विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने मिठाई खिलाकर सम्मानित किया है।साथ ही छात्रा के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।