औरंगाबाद शहर के पठान टोली निवासी सह कांग्रेस युवा नेता ने किया 39 वां बार रक्तदान

विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद( बिहार):- शहर के पठान टोली निवासी सह कांग्रेस नेता सह समाजसेवी 33 वर्षीय मो. शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान ने गुरुवार को 39 वां बार रक्तदान किया। सदर अस्पताल पहुंचने वाला हर मरीज सल्लू खान के नाम से वाकिफ है। जिले में जब भी रक्तदान की बात चलती है। सल्लू का नाम सबसे ऊपर रहता है। सल्लू पीड़तों को खून देकर न सिर्फ जान बचाता है बल्कि रिश्ते भी बनाता है। 11 वर्षों में सल्लू 23 बार रक्तदान किया है लेकिन ब्लड बैंक के रिकार्ड में 14 दर्ज है। सल्लू बताता है कि पहले मैं रिकार्ड में नाम नहीं दर्ज कराता था। किसी को जरूरत हुआ तो रक्तदान कर दिया। अब तक सल्लू युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित करने को 32 बार कैंप लगा चुका है। रक्तदान के लिए उसे अब तक तीन बार डीएम ने सम्मानित किया है। बीते 16 जनवरी 2014 को डीएम अभिजित सिन्हा, 22 अक्टूबर 2014 को डीएम नवीन चंद्र झा एवं 23 मार्च 2017 को डीएम कंवल तनुज ने सल्लू को रक्तदान के लिए सम्मानित किया है। डीएम कंवल तनुज कहते भी हैं सेवा का जुनून कोई सल्लू से सीखे। रक्तदान को लेकर उसने जो अभियान चलाया या शिविर लगाया उससे युवा प्रेरणा लेते हैं। नक्सलियों के थपेड़ों से सिसकते औरंगाबाद के ब्लड बैंक में खून की कमी नहीं रहती है। यहां हर ग्रुप का खून हमेशा उपलब्ध रहता है। बता दें कि सल्लू ने रक्त देकर कई लोगों की जान बचाई है। उसके जेहन में कोई संप्रदाय नहीं होता है। वह कहता है मैं भारतीय हूं और भाई के लिए मेरा जीवन समर्पित है। संप्रदाय की बात वो लोग करते हैं जो समाज में हिंसा फैलाना चाहते हैं। अब तक सौ से अधिक लोगों की जान सल्लू ने रक्तदान कर एवं रक्त उपलब्ध कराकर बचाई है। नगर थाना के आजाद नगर निवासी गुलशन प्रवीण, दाउदनगर के तिवारी मोहल्ला के रामानंद यादव, न्यू काजी मोहल्ला की साजिया प्रवीण, कुटुंबा प्रखंड के दसौंती के दीपक कुमार की पत्नी लाडो देवी, रोहतास जिले के नासरीगंज के मो. जमील के पुत्र मो. चांद, औरंगाबाद शहर के मदरसा रोड निवासी मो. शकील की पुत्री रेशमा खातून एवं ठाकुरबाड़ी रोड निवासी दिनेश शर्मा की जान खून देकर बचाई है। 15 जनवरी 2016 को जम्होर थाना के जगदीशपुर गांव निवासी सत्येंद्र प्रसाद की पत्नी शिवकुमारी देवी एसडी अस्पताल में तड़प रही थी। उसे रात्रि में 11 बजे खून की जरूरत पड़ी तो चिकित्सक डा. पुष्पेंद्र के होश उड़ गए। चिकित्सक डा. पुष्पेंद्र ने सल्लू को फोन किया। कहा कि ए पाजिटिव खून की जरूरत है। रात्रि में सल्लू अस्पताल पहुंचा और रक्तदान कर शिवकुमारी की जान बचाई।
सल्लू ने अब तक 30 बार रक्तदान कैंप लगाया है। कैंप के माध्यम से ब्लड बैंक में 300 से अधिक यूनिट रक्त उपलब्ध कराया है। सल्लू कहता है कि रक्तदान कर लोगों का जीवन बचाना लक्ष्य है। रक्तदान के प्रति आमजनों में जागरूकता की कमी है। जब तक लोग स्वयं रक्तदान को आगे नहीं आएंगे तब तक मेरा लक्ष्य पूरा रहेगा। रक्तदान से लोगों को जीवनदान मिलता है।