मनोहर मेमोरियल अस्पताल में जहर खाये अधेड़ की मौत

संतोष कुमार ।

मुख्यालय स्थित मनोहर मेमोरिल अस्पताल में बीते सोमवार की रात्रि को एक जहर खाये व्यक्ति को इलाज हेतु भर्ती कराया गया था।जिसकी मृत्यु इलाज के दौरान रात्रि में हो गई।अनुमंडलीय अस्पताल रजौली में पदस्थापित चिकित्सक डॉ राघवेंद्र भारती ने बताया कि सोमवार की संध्या लगभग 5:25 बजे कुछ ग्रामीणों द्वारा जहर खाये एक अधेड़ को इलाज हेतु अस्पताल लाया गया था।चिकित्सक ने कहा कि जहर खाये व्यक्ति कि पहचान चौथा ग्राम निवासी स्व सरजू यादव के 45 वर्षीय पुत्र उमेश प्रसाद के रूप में हुई है।साथ ही कहा कि पीड़ित अधेड़ का प्राथमिक इलाज किया गया।किन्तु उसकी स्थिति असामान्य रहने के कारण लगभग दस मिनट के बाद ही उसे सदर अस्पताल नवादा रेफर किया गया था।किंतु परिजनों द्वारा जबरन अस्पताल में लगभग आधा से पौन घण्टे तक रखा गया।इसी बीच परिजनों द्वारा जहर खाये व्यक्ति को अस्पताल से लेकर चले गए।वहीं मनोहर मेमोरियल अस्पताल के मैनेजर आलोक कुमार ने कहा कि जहर खाये व्यक्ति कि मौत इलाज के दौरान हो गई है।जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई है।जबकि थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर पवन कुमार ने कहा कि जहर खाये व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने अथवा मरने आदि की कोई सूचना नहीं है।

शुभ-लाभ कर मामले को दबाया गया

परिजनों द्वारा जहर खाये व्यक्ति को सदर अस्पताल न ले जाकर मनोहर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान अधेड़ युवक की मौत हो गई।युवक के मौत हो जाने के बाद परिजन अपने साथ शव को ले जाकर अंतिम संस्कार भी कर देते हैं।किंतु पुलिस खुद को घटना की जानकारी से अनजान बताती है।वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डायल 112 की टीम भी मनोहर मेमोरियल अस्पताल पहुंचती है।किंतु कुछ देर रुकने के बाद वे भी चले जाते हैं।अब सवाल उठता है कि यदि अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुलिस को सूचना दिया गया था तो पुलिस ने मामले की जांच क्यों नहीं की ?वहीं जब डायल 112 की टीम अस्पताल पहुंची तो क्या हुआ?वहीं ग्रामीणों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि शुभ-लाभ कर मामले को दबा दिया गया है।

क्या कहते हैं एसडीपीओ-

इस मामले को लेकर एसडीपीओ पंकज कुमार ने कहा कि जहर खाये अधेड़ व्यक्ति के सम्बंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है।उन्होंने जनकारी लेकर उचित कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।